नई दिल्ली/नोएडा:रिश्वत में 25 लाख रुपये और क्रेटा कार लेकर अपराधियों को छोड़ने का मामला अब प्रदेश स्तर पर पहुंच गया है. गौतम बुद्ध नगर कमिश्नरी में स्वाट टीम प्रभारी सावेज खान और कॉन्स्टेबल अमरीश कांत यादव को बर्खास्त करने के बाद अब इस मामले की जांच उच्च अधिकारियों को दे दी गई है. अब इसकी जांच प्रदेश स्तर पर एडीजी इंटेलिजेंस को सौंपी गई है.
दरअसल हाल ही में इस बात का खुलासा होने पर कि स्वाट टीम के प्रभारी सावेज खान और कॉन्स्टेबल अमरीश कांत यादव ने रिश्वत लेकर ATM हैकर को छोड़ दिया था. जिसके बाद दोनों पर विभागीय कार्रवाई करते हुए बर्खास्त कर पूरी स्वाट टीम को भंग कर दिया गया था और कमिश्नर ने इसकी जांच डीसीपी क्राइम अभिषेक कुमार को सौंपी थी. लेकिन अभ इस मामले की जांच प्रदेश स्तर पर एडीजी इंटेलिजेंस को सौंपी गई है.
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गौतम बुद्ध नगर कमिश्नरी में स्वाट टीम प्रभारी सावेज खान और कॉन्स्टेबल अमरीश सहित कुछ अन्य लोगों द्वारा एटीएम हैकर मेहराज को छोड़ने के नाम पर 25 लाख रुपये और क्रेटा गाड़ी ली गई थी. इस मामले में पुलिस कमिश्नर गौतम बुद्ध नगर आलोक सिंह द्वारा कार्रवाई करते हुए स्वाट टीम प्रभारी और कॉन्स्टेबल को बर्खास्त कर दिया गया है. कमिश्नर स्तर पर जहां मामले की जांच डीसीपी क्राइम अभिषेक कुमार द्वारा की जा रही है, वहीं इस मामले की जांच प्रदेश स्तर पर भी की जा रही है. जांच की जिम्मेदारी प्रदेश स्तर पर एडीजी इंटेलिजेंस एस पी शिरोडकर को सौंपी गई है. जो बताया जा रहा है कि कमिश्नरी में जांच शुरू कर दिए हैं. इस जांच की आंच बागपत जनपद तक पहुंची है, मुलजिम मेहराज और स्वाट टीम के बीच लेनदेन का काम कराने वाले बागपत के कॉन्स्टेबल का नाम सामने आया है, जो वहां की SOG में तैनात है. कॉन्स्टेबल का नाम आने के साथ ही एसएसपी धीरज कुमार जादौन बागपत द्वारा तत्काल प्रभाव से कॉन्स्टेबल को लाइन हाजिर कर दिया गया है और जिले की एसओजी को भंग कर दिया गया है.