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कोविड-19 के चलते 22 हॉटस्पॉट सील, 'लोगों को नहीं मिल रही मदद'

देश में कोविड-19 को मद्देनजर प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन लगाया गया है. वही राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में कोरोना वायरस के बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए प्रदेश सरकार ने जिन स्थानों पर कोरोना के मरीज पाए गए, उन स्थानों को चिन्हित कर उसे 22 स्थानों को हॉटस्पॉट घोषित कर सील कर दिया गया है.

22 hotspot places have been sealed due to Kovid-19 in Noida
22 स्थानों को हॉटस्पॉट घोषित कर सील कर दिया गया है.

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Published : Apr 11, 2020, 2:25 PM IST

नई दिल्ली /नोएडा: देश में कोविड-19 के मद्देनजर प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन लगाया गया है. वही राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में कोरोना वायरस के बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए जिन स्थानों पर कोरोना के मरीज पाए गए, उन स्थानों को चिन्हित कर उसे 22 स्थानों को हॉटस्पॉट घोषित कर सील कर दिया गया है.

22 स्थानों को हॉटस्पॉट घोषित कर सील कर दिया गया है.


सेक्टर 8 हुआ हॉटस्पॉट सील
कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या देखी जाए तो नोएडा में 63 से ज्यादा हो गई है. दिन प्रतिदिन मरीजों की संख्या बढ़ती देख प्रशासन ने जिन स्थानों पर कोरोना के मरीज पाए गए या संदेह के आधार पर कोरोनटाईन सेंटर ले जाए गए, उन स्थानों को हॉटस्पॉट घोषित कर सील कर दिया गया है.

ऐसा ही एक स्थान नोएडा का सेक्टर 8 का जी ब्लॉक है. जहां 2331 घरों में 25 हजार से ज्यादा लोगों हॉटस्पॉट सील में है. आपको बता दें कि सेक्टर 8 से 300 से ज्यादा लोगों को क्वॉरेंटाइन सेंटर ले जाया गया है. जिसमें से करीब 50 लोगों को क्वॉरेंटाइन करने के बाद वापस भेज दिया गया है

प्रशासन से नहीं मिल रही मदद
नोएडा के सेक्टर 8 के जी ब्लॉक झुग्गियों में रहने वाले 25000 परिवार को हॉटस्पॉट सील होने के बाद प्रशासन की तरफ से पर्याप्त मदद नहीं मिल रही है. यह बातें झुग्गी के प्रधान छोटे लाल ने बताया. उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा परेशानी उन परिवारों को आ रही है, जिनके घरों में छोटे बच्चे हैं.

छोटे लाल प्रधान ने बताया कि जिला प्रशासन से जो मदद दी जा रही है, वह झुग्गी में रहने वाले चंद लोगों तक ही पहुंच रही है. जिन लोगो के पास मदद नहीम पहुंच रही उन लोगों के पास झुग्गी में अन्य रहने वाले लोग मदद कर रहे हैं.




लोगों को हो रही काफी परेशानी
हॉटस्पॉट सील सेक्टर 8 की झुग्गी के प्रधान छोटे लाल ने बताया कि जिस स्थान को सील किया गया है, वहां पर 25 हजार से ज्यादा परिवार रहते हैं. प्रशासन से अभी तक खाने पीने की जो व्यवस्था की जा रही है, वह यहां के लोगों के लिए पर्याप्त नहीं है.

वही जो खाने का सामान आ रहा है, वह आधे अधूरे लोगों को ही मिल पा रहा है. जिसके चलते यहां के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. झुग्गी के अंदर रहने वाले जो सामर्थ लोग हैं, वह अन्य लोगों की मदद कर रहे हैं. प्रशासन अगर लोगों को जब तक झुग्गी सील है तब तक उचित मदद नहीं पहुंचा पाया तो स्थिति बिगड़ सकती है और लोगों को खाने-पीने के लाले पड़ सकते हैं.

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