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105 साल की अफगानी बुजुर्ग महिला ने कोरोना को दी मात, परिवार को मिली ईदी

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Published : Aug 1, 2020, 11:23 AM IST

शारदा अस्पताल के डॉक्टरों ने 7 दिन से वेंटिलेटर पर जिंदगी और मौत की जंग लड़ने वाली कोरोना संक्रमित 105 साल की बुजुर्ग अफगानिस्तानी महिला को नया जीवन दिया है. डॉक्टरों की विशेष निगरानी और देखभाल की वजह से वो अब पूरी तरह ठीक हैं. उन्होंने और उनके परिवार वालों ने शारदा अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ को धन्यवाद कहा.

105 year old corona patient
105 साल की कोरोना मरीज

नई दिल्ली/नोएडा: ग्रेटर नोएडा में 105 साल की अफगानी बुजुर्ग महिला कोरोना संक्रमण से ठीक होकर शारदा अस्पताल से डिस्चार्ज हुई हैं. 1 सप्ताह वेंटीलेटर पर रहने के बाद बुजुर्ग महिला ने कोरोना को मात दी है. बुजुर्ग महिला के पूरी तरह से स्वस्थ होने के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया. बुजुर्ग के कोरोना से ठीक होने पर परिजनों ने अस्पताल और सभी मेडिकल स्टाफ को धन्यवाद दिया.

105 साल की कोरोना मरीज डिस्चार्ज

मरीज के परिवार को मिला ईद का तोहफा

शारदा अस्पताल के डॉक्टरों ने 7 दिन से वेंटिलेटर पर जिंदगी और मौत की जंग लड़ने वाली कोरोना संक्रमित 105 साल की बुजुर्ग अफगानिस्तानी महिला को नया जीवन दिया है. डॉक्टरों की विशेष निगरानी और देखभाल की वजह से वो अब पूरी तरह ठीक हैं.

उन्होंने और उनके परिवार वालों ने शारदा अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ को धन्यवाद कहा. बुजुर्ग अफगानी महिला के पोते ने कहा कि डॉक्टरों ने उनके परिवार को बकरीद से पहले ईदी दे दी है. अफगानी बुजुर्ग महिला राबिया के डिस्चार्ज के समय अपर जिलाधिकारी दिवाकर सिंह, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ वीके सिंह ने गिफ्ट देकर शुभकामनाएं दी.



कोरोना के साथ ही कई बीमारियों से ग्रसित थी बुजुर्ग

शारदा अस्पताल के प्रवक्ता अजित कुमार ने बताया कि नोएडा के निजी अस्पताल में जांच के बाद कोरोना संक्रमित अफगानिस्तान की रहने वाली 105 साल की राबिया अहमद को 16 जुलाई को शारदा में एडमिट किया गया. जब मरीज को लाया गया उस समय उनको बुखार, सांस लेने में गंभीर तकलीफ के अलावा निमोनिया की शिकायत थी. वो अलजाइमर से भी ग्रसित थीं.

जब उनको यहां भर्ती किया गया तो वो किसी रिश्तेदार को पहचान नहीं रही थीं. जांच में पेशाब में इन्फेक्शन और इसीजी भी नार्मल नहीं था. मरीज के एक्यूट रिसपाइरेटरी ड्रिसट्रेस सिंड्रोम (एआरडीएस) की चपेट में आने पर तत्काल गंभीर अवस्था में वेंटीलेटर पर शिफ्ट किया गया. आईसीएमआर और शारदा के प्रोटोकाल के तहत इलाज शुरू किया गया.

7 दिन वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया

डॉक्टर बताते हैं कि 7 दिनों तक वेंटिलेटर सपोर्ट के बाद उनकी हालत में सुधार आने लगा. उन्हें हाई लेवल प्रोटीन युक्त डाइट दी गई. इसके बाद उनको वेंटीलेटर से शिफ्ट कर दिया गया. इलाज का असर होते ही उन्होंने आईसीयू में स्टाफ को पहचानना शुरू कर दिया. अब उनकी हालत काफी बेहतर है. वो ठीक से खाना पीना भी ले रही हैं. 30 जुलाई को कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद 31 जुलाई को उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया.

ईद से पहले मिला परिवार को तोहफा


नतीजा रहा कि मरीज 15 दिन बाद ठीक होकर अपने घर गई. डिस्चार्ज के समय मेडिकल स्टाफ ने फूल देकर महिला को ससम्मान विदा किया. बता दें कि राबिया की पोती ने शारदा यूनिवर्सिटी से ही बीडीएस का कोर्स किया है. घर जाने के समय राबिया ने अस्पताल के स्टाफ को धन्यवाद देते हुए कहा कि पूरी टीम ने उनकी प्रॉपर देखभाल की. इससे उनमें काफी तेजी से सुधार हुआ है.

राबिया की पोती ने कहा कि यहां के डॉक्टर और स्टाफ की बदौलत वो इतने कम समय में स्वस्थ हो सकीं. महिला को लेने आये पोते अहमद फवाद ने कहा कि बकरीद से पहले अस्पताल ने उन्हें ताउम्र न भूलने वाला गिफ्ट दिया है. दादी को देखकर उनकी आंखें भर आईं. उन्होंने ने कहा कि अब घर में सभी एक साथ ईद-उल-अजहा की नमाज पढ़ेंगे और ईद मनाएंगे.

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