नई दिल्ली/नोएडा :नोएडा पुलिस ने एक ऐसे गैंग का भंडाफोड़ किया है, जो परीक्षार्थी के स्थान पर अन्य सॉल्वर को बैठाकर परीक्षा दिलाने का काम करता था. इस गैंग के तीन रिटायर्ड फौजियों के साथ ही कुल 10 लोग गिरफ्तार हुए हैं. सेक्टर 58 थाने की टीम ने त्रिफला पार्क के पास से आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इनके पास से नकदी, परीक्षा के पेपर और प्रवेश पत्र सहित अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं. पुलिस का मानना है कि इस गैंग में अन्य सदस्य भी शामिल हो सकते हैं. आरोपी ज्यादातर सरकारी परीक्षाओं के पेपर सॉल्व कराने का काम करते थे. पुलिस ने इनको उस समय गिरफ्तार किया, जब ये हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन कमीशन द्वारा आयोजित कांस्टेबल जीडी की भर्ती में अपने सॉल्वरों को भेजने की रणनीति बना रहे थे.
आरोपियों से पूछताछ में सामने आया कि यह अंतरराज्यीय सॉल्वर गैंग में सक्रिय रहे हैं और पेपर आउट कराने का रैकेट चलाने में सक्रिय रहे हैं. इनका नेटवर्क हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार सहित कई अन्य राज्यों में फैला हुआ है. ये लोग करीब ढाई साल से विभिन्न राज्यों में प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर आउट कराते रहे हैं. अभ्यार्थी के स्थान पर दूसरे व्यक्ति को बैठाकर फर्जी दस्तावेज तैयार करके परीक्षा दिलाने का काम भी यह गैंग करता रहा है. यह लोग परीक्षा में पास कराने और नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से मोटी रकम भी वसूलते थे.
प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर आउट कराने वाला शातिर सॉल्वर गैंग गिरफ्तार ये भी पढ़ें : गाजियाबाद पुलिस ने किया पेपर सॉल्वर गिरोह का भंडाफोड़, पांच गिरफ्तार
आरोपियों में पेपर आउट करने वाला उमेश कुमार तातवार पुत्र उमाशंकर तातवार बिहार के भोजपुर का रहने वाला है. लाखन सिंह पुत्र सुरजन सिंह गोरखपुर के चौरी-चौरा इलाके का जबकि विनोद यादव पुत्र बसंत यादव राजस्थान के सीकर का रहने वाला है. गैंग का मीडिएटर लायक पुत्र कैलाश चंद्र जयपुर का रहेन वाला है. अभ्यर्थियों से मोटी रकम वसूल कर पेपर बेचने वाला सतनाम सिंह पुत्र भरत सिंह हरियाणा के चरखी-दादरी हका रहने वाला है. सुनील कुमार पुत्र लीलाराम रेवाड़ी से आउट पेपर खरीदने आया था. इनके साथ ही अलवर का जितेंद्र यादव पुत्र सुरेश यादव, जयपुर का महिपाल यादव पुत्र यादराम यादव और झज्जर का विकास शर्मा पुत्र धर्मपाल गिरफ्तार किए गए हैं. पकड़े गए आरोपियों में सुनील कुमार, लायक सिंह और सतनाम रिटायर्ड फौजी हैं.
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एडिशनल डीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि पूछताछ में सामने आया है कि एसएससी की मल्टी टास्किंग नॉन टेक्निकल स्टाफ परीक्षा के पेपर के लिए 35 लाख रुपए और राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड के 30 लाख रुपए, इंडियन कोस्ट गार्ड डायरेक्ट रिक्वॉयरमेंट के 25 लाख रुपए, राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड सीधी परीक्षा के लिए 35 से 40 लाख रुपए, हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन कमीशन के 40 लाख रुपए और राजस्थान पब्लिक सर्विस कमीशन के 50 लाख रुपए लेते थे. इनके पास से 9 लाख 15000 रुपए कैश, 2/2 लाख के दो चेक, 2 कार, 14 मोबाइल और विभिन्न परीक्षाओं के 28 एडमिट कार्ड सहित अन्य सामान बरामद हुए हैं. सभी आरोपियों के खिलाफ धारा 419, 420, 467, 468 ,471, 120बी आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज करके जेल भेज दिया गया है.
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