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नूंहः जानिए कोरोना ने कितनी बढ़ा दी मनरेगा मजदूरों की संख्या - मनरेगा योजना नूंह रोजगार

मनरेगा योजना के तहत नूंह जिले को लोगों सबसे ज्यादा फायदा हुआ है. कोरोना वायरस में की वजह से लगे लॉकडाउन के बावजूद जिले के लोगों को योजना के तहत रोजगार मिला जिसके बाद रोजगार देने में नूंह जिला हरियाणा में अव्वल आया है.

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प्रदेश में सबसे ज्यादा संख्या में नूंह के लोगों को मिला रोजगार

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Published : Dec 20, 2020, 2:18 AM IST

नई दिल्ली/नूंह: कोरोना वायरस की वजह से लागू हुए लॉकडाउन के दौरान जब लाखों लोगों का रोजगार छिन चुका था तब केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना मनरेगा गरीबों के लिए रोजगार का मौका लेकर आई. इस योजना का सबसे ज्यादा फायदा पहुंचा हरियाणा के नूंह जिले को जहां इस योजना के तहत सैंकड़ों लोगों को रोजगार मिला.

प्रदेश में सबसे ज्यादा संख्या में नूंह के लोगों को मिला रोजगार

उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने बताया कि कोविड-19 के दौरान मनरेगा योजना में केंद्र सरकार ने काफी धनराशि खर्च की है. जब लोगों का रोजगार छिन गया था, तो गांव में ही मनरेगा योजना के तहत बेरोजगार लोगों को रोजगार मिला है. उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायतों में पीने के पानी, स्कूल, विकास के लिए स्ट्रक्चर इत्यादि इस योजना के तहत बनाए ताकि भविष्य में इनका इस्तेमाल किया जा सके.

प्रदेश में सबसे ज्यादा संख्या में नूंह के लोगों को मिला रोजगार

वहीं एचसीएस अधिकारी महावीर प्रसाद ने बताया की मनरेगा योजना के तहत 8 दिन के अंदर मजदूरों को भुगतान किया जाता है. वहीं करीब 70 हजार लोगों को रोजगार पाने के मौके दिए गए थे जिसमें से 60 हजार से ज्यादा लोगों ने इस योजना के तहत रोजगार पाकर लाभ उठाया. उन्होंने बताया कि अगस्त तक जहां 9 लाख के करीब दिहाड़ी मजदूरी की गई थी वहीं पिछले 4 महीनों में मनरेगा योजना के तहत 29,22,412 बार दिहाड़ी मजदूरी की गई है जो कि प्रदेश में सबसे ज्यादा है.

एचसीएस अधिकारी महावीर प्रसाद ने कहा कि इसमें कुछ खामियां जरूर आती हैं, जैसे लाभार्थी का कई बार खाता गलत होता है या फिर उसमें स्टाफ की गलती से चूक हो जाती है. इसलिए इस कमी को दूर करने के लिए पासबुक की फोटो प्रति आगे से ली जाएगी ताकि मजदूरों को भुगतान सीधे उनके खाते में आसानी से हो सके. इसके अलावा बात अगर परिवारों को 100 दिन रोजगार देने की बात की जाए, तो इस मामले में भी 1,743 परिवारों को रोजगार देने में नूंह जिला हरियाणा में अव्वल है.

रोजगार मिलने वाले मजदूरों ने सरकार का जताया आभार

आपको बता दें कि मनरेगा में कच्चा और पक्का दो प्रकार का काम किया जाता है . इसमें पुरुष और महिला मजदूर प्रतिदिन 309 रुपये काम के बदले में लेते हैं. वहीं मनरेगा योजना में काम कर लोगों ने बताया कि उन्हें समय पर 309 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से 100 दिन का रोजगार मिला है. कोरोना काल में अन्य रोजगार छिन गया था तो उनको मनरेगा में काम मिला जिसका समय पर भुगतान हुआ और सरपचों से लेकर अधिकारियों ने भी पूरा सहयोग किया है.

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कुल मिलाकर सबसे ज्यादा नूंह जिले के लोगों ने इस योजना का लाभ उठाकर बेरोजगारी को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया और अभी भी बड़ी संख्या में मनरेगा मजदूर काम करने में जुटे हुए हैं.

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