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हरियाणा में तीसरा सीरो सर्वे मंगलवार से शुरू होगा - हरियाणा सीरो सर्वे बच्चे

कोरोना की तीसरी वेव (Corona virus third wave) की संभावनाओं को देखते हुए हरियाणा सरकार मंगलवार से प्रदेश में सीरो सर्वे (Sero survey) करवाई. हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज इस सीरो सर्वे की शुरुआत करेंगे. इस बार होने वाले सीरो सर्वे में 6 साल से अधिक आयु वर्ग के बच्चों को भी शामिल किया जाएगा.

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हरियाणा में तीसरा सीरो सर्वे मंगलवार से शुरू होगा

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Published : Jun 15, 2021, 12:43 AM IST

गुरुग्राम:हरियाणा में तीसरे सीरो सर्वे (sero survey haryana) की शुरुआत मंगलवार दोपहर 2 बजे के बाद की जाएगी. 15 जून से 16 जून तक 2 दिन तक चलाए जाने वाले इस अभियान में ग्रामीण इलाकों में सबसे ज्यादा जांच की जाएगी. दो दिन तक चलने वाले इस सीरो सर्वे में हर एक जिले से 400 सैंपल लिए जाएंगे. जिसमें 12 ग्रामीण समूह, 8 शहरी समूह हैं जहां 240 सैंपल ग्रामीण इलाकों से लिए जाएंगे तो वहीं 160 सैंपल शहरी इलाकों से लिए जाएंगे.

गुरुग्राम के सीएमओ डॉ. वीरेंद्र यादव ने बताया कि इस बार होने वाले सीरो सर्वे में 60 प्रतिशत ग्रामीण आबादी को कवर किया जाएगा और 40 प्रतिशत शहरी आबादी को कवर किया जाएगा. इस बार होने वाले सीरो सर्वे की खास बात ये है कि इनमें बच्चों को भी शामिल किया जाएगा. तीसरी लहर से पहले स्वास्थ्य विभाग के लिए सीरो सर्वे कराना काफी लाभदायक रहेगा. इससे पहले जो सीरो सर्वे कराया गया था उसमें बच्चे शामिल नहीं किए गए थे.

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वहीं सीरो सर्वे करने वाली एक टीम में एक आशा वर्कर या एएनएम वर्कर या हेल्थ वर्कर में से एक रहेगा. इसके अलावा एक लेब्रोटरी टेक्नीशियन और एक मेडिकल ऑफिसर यानी एक टीम में तीन लोग मौजूद रहेंगे. गौरतलब है कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है. जिसमें सबसे ज्यागा बच्चों के संक्रमित होने की संभावनाएं हैं. इसलिए अब सीरो सर्वे के माध्यम से बच्चों का भी सेम्पल लिया जाएगा ताकि पहले से ही स्वास्थ्य विभाग इस सीरो सर्वे के माध्यम से ये जान सके कि बच्चों में कोरोना संक्रमण को कैसे रोकना है और इससे कैसे बचा जा सकता है.

क्या होता है सीरो सर्वे?

सीरो सर्वे की मदद से ये पता लगाया जाता है कि कितने लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आए हैं और कितने लोग इससे ठीक हो गए हैं. इसे सेरोलॉजी टेस्ट (Serology Test) के जरिए किया जाता है. इस टेस्ट में व्यक्ति के शरीर में खास संक्रमण के खिलाफ बनने वाले एंटीबॉडीज (Anti Bodies) की मौजूदगी का पता लगाया जाता है. ये बताता है कि कितनी फीसदी जनसंख्या वायरस की चपेट में आई है.

दूसरा, कौन से ग्रुप में वायरस के लक्षण ज्यादा पाए गए हैं. यही वजह है कि इस सर्वे को बाकी सर्वे से अलग बनाता है. इसमें ये पता चलेगा कि शहर की कितनी आबादी कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमित हुई. किस आयु वर्ग या क्षेत्र में सबसे ज्यादा वायरस का प्रभाव रहा, ये भी सामने आएगा.

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