नई दिल्ली/नूंह:लॉकडाउन का समय 19 दिन के बजाय भले ही 2 महीने तक बढ़ा दिया जाए, लेकिन समाजसेवियों के हौसले कम नहीं होंगे. एनजीओ से जुड़े समाज सेवा कर रहे लोगों ने साफ-साफ कहा कि किसी गरीब को लॉकडाउन की वजह से भूखा नहीं रहने दिया जाएगा.
नूंह में कोई गरीब मजदूर नहीं रहेगा भूखा आपको बता दें कि जब से देश में लॉकडाउन हुआ है, तभी से कुछ संस्था व समाजसेवी गरीबों को खाना खिलाने के साथ-साथ सूखा राशन वितरण कर रहे हैं, लेकिन चंद दिन पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ हुई वीडियो कांफ्रेंस में ये तय हो गया कि पका हुआ भोजन वितरण करने के बजाय सूखे राशन के वितरण पर जोर दिया जाए.
सूखा राशन वितरण पर जोर
तभी से नगीना खंड के आसपास के इलाके में मेवात आईटीआई मंच एवं जेजेपी के माइनॉरिटी सेल के जिला अध्यक्ष जान मोहम्मद अटेरना लगातार गरीबों की झुग्गी, झोपड़ियों /प्रवासी मजदूरों में जाकर सूखा राशन वितरण कर रहे हैं.
इन चीजों का किया जा रहा है वितरण
राशन में चीनी, चावल, नमक, दाल के अलावा हरी सब्जी इत्यादि का भी वितरण किया जा रहा है, ताकि कोई गरीब इस आपदा की घड़ी में भूखा ना सोये. गरीबों के बीच जब मदद के लिए समाजसेवियों के हाथ आगे बढ़ते हैं, तो उनके चेहरों पर रौनक लौट आती है.
इसके अलावा जेजेपी अल्पसंख्यक सेल के जिला अध्यक्ष जान मोहम्मद ने पार्टी नेता एवं उप मुख्यमंत्री हरियाणा दुष्यंत चौटाला को मुख्यमंत्री कोविड-19 रिलीफ फंड में 1,50,000 रुपये राशि का चेक भी दिया है.