नई दिल्ली/गुरुग्राम: आईटीसी ग्रैंड भारत होटल के बाहर मीडिया कर्मियों से लेकर हरियाणा पुलिस के जवानों व बाउंसरों का जमावड़ा लगा है, लेकिन बेस्ट वेस्टर्न रिजॉर्ट कंट्री क्लब में प्रवेश करने पर ऐसा कुछ नजारा दिखाई नहीं देता. हालांकि रिजॉर्ट के अंदर की सुरक्षा बेहद कड़ी बताई जा रही है. सूत्रों की मानें तो सचिन पायलट इस रिजॉर्ट में मीडिया के कैमरों से बचते हुए अपने विधायकों के पास पहुंचने के लिए लग्जरी गाड़ियों से उतर कर बाइक का सहारा लेते हैं.
नूंह के दो आलीशान होटल बनें राजस्थान की सियासत के किले
वैसे सचिन पायलट का बाइक पर सफर करना कोई नई बात नहीं है. इससे पहले राजस्थान में उन्हें कई बार बाइक पर सफर करते देखा जा चुका है. कुल मिलाकर आईटीसी ग्रैंड भारत से लेकर कंट्री क्लब के आसपास भाजपा के झंडे लगी हुई कई गाड़ियों को भी इधर-उधर बार-बार चक्कर लगाते हुए पिछले कई दिनों से देखा जा रहा है. मीडिया की नजरें राजस्थान से लेकर दिल्ली ही नहीं बल्कि हरियाणा के गुरुग्राम जिले के दो आलीशान होटलों में सचिन पायलट व उनके समर्थक विधायकों को एक पल कैमरे में कैद करने के लिए दिन रात लगी हुई हैं, लेकिन उनकी एक झलक तक नहीं मिल पा रही है.
बेस्ट वेस्टर्न रिजॉर्ट के बाहर है अलग नजारा
वहीं जिस तरह से बेस्ट वेस्टर्न रिजॉर्ट कंट्री क्लब में सचिन पायलट के पहुंचने की खबरें मिल रही हैं उससे साफ हो जाता है कि वह मीडिया से पूरी तरह दूरी रखना चाहते हैं. वैसे इतना तो साफ है कि आईटीसी ग्रैंड भारत होटल या फिर कंट्री क्लब में जो भी सुरक्षा मिली हुई है उसमें भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का बड़ा रोल है. आईटीसी ग्रैंड भारत होटल के बाहर तो हरियाणा पुलिस के जवान बड़ी संख्या में डटे हुए हैं, लेकिन कंट्री क्लब में ऐसा कोई नजारा कम से कम मुख्य द्वार पर दिखाई नहीं देता.
रिजॉर्ट के एंट्री गेट पर लिखा है कोविड-19 क्वारंटाइन सेंटर
सबसे खास बात ये है कि कंट्री क्लब में प्रवेश करने पर बोर्ड के ऊपर वहां कागज में लिखा हुआ नोटिस चस्पा किया है जिस पर कोविड-19 क्वारंटाइन सेंटर लिखा हुआ है. अब साफ है कि ये सब कुछ सुनियोजित तरीके से लिखा हुआ है. स्वास्थ्य विभाग नूंह ने इस रिजॉर्ट में किसी प्रकार का कोई क्वारंटाइन सेंटर बनाया ही नहीं है. हां इतना जरूर है कि कोविड-19 में ड्यूटी कर रहे तावडू इलाके के कुछ डॉक्टरों के रुकने की व्यवस्था चंद दिन के लिए कई माह पहले यहां जरूर करने की खबर है.
वहीं जिस गोपनीयता एवं बुद्धिमता के साथ सचिन पायलट के इन आलीशान होटलों में आने-जाने की पूरी प्लानिंग की गई है, मीडिया की लाख कोशिशों के बावजूद भी उनके कैमरा में किसी विधायक व सचिन पायलट की तस्वीर नहीं आ पा रही है. इससे साफ जाहिर है कि राजस्थान की सरकार को गिराने के लिए हर संभव कोशिश की गई है. इस मामले गोपनीय रखा गया है क्योंकि अगर किसी को भनक लग गई तो उनका मिशन फेल हो सकता है, लेकिन राजनीति संभावनाओं का खेल है.
एक होटल में 17 तो दूसरे में 5 विधायकों के होने की खबर
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि सचिन पायलट भाजपा के प्रयासों के बावजूद भी कांग्रेस की गहलोत सरकार को राजस्थान में कोई नुकसान नहीं पहुंचा पाए. अशोक गहलोत ने जयपुर के होटल में विधायकों को एकत्रित रखने के लिए ठहरा रखा है, तो सचिन पायलट ने अपने समर्थक विधायकों को और खुद को एनसीआर के समीप नूंह-गुरुग्राम जिले की सीमा पर बने दो आलीशान होटलों में ठहराया हुआ है. सूत्रों के अनुसार खबर ये है एक होटल में 17 तथा दूसरे में पांच विधायक रुके हुए हैं.
कांग्रेस ने सचिन पायलट को पीसीसी अध्यक्ष तथा उपमुख्यमंत्री पद से हटा दिया है, लेकिन बुधवार को कांग्रेस के नेताओं ने जो बयान दिए उनमें कुछ घर वापसी की गुंजाइश रखी गई है. उन्होंने सचिन पायलट व उनके समर्थक विधायकों को वापस लौटने का संदेश देने की कोशिश की है. अब देखना ये है कि सचिन पायलट कब तक मीडिया के सामने आते हैं और उनका क्या रुख होता है, लेकिन फिलहाल राजस्थान की सियासत में गुरुग्राम जिले के ये दो आलीशान होटल सुर्खियां बटोर रहे हैं.