नई दिल्ली/गुरुग्राम:साइबर सिटी गुरुग्राम जिले की हेलीमंडी नगरपालिका में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. हेलीमंडी नगरपालिका को दो रास्ते बनाने थे, लेकिन जमीनी स्तर पर रास्ते तो बने नहीं और कागजों में रास्ते बनाकर नगरपालिका से फंड ले लिया गया. जिस मामले में आरटीआई एक्टिविस्ट रमेश यादव की तरफ से यह मामला उठाया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. अब गुरुग्राम कोर्ट के माध्यम से नगरपालिका के इंजीनियर हेंमत कुमार, नगरपालिका सेकेट्री सुशील कुमार, नगरपालिका चेयरमैन सुरेश कुमार, सब इंस्पेक्टर रविन्द्र कुमार और दो ठेकेदारों पर एफआईआर दर्ज की गई है.
'बिना काम किये पूरे पैसे डकार गए भ्रष्ट अधिकारी'
आमतौर पर देखा जाता है कि सरकारी अधिकारी और कर्मचारी जब कोई काम करते हैं तो उस काम के लिये निर्धारित राशि में से कुछ पैसे ठेकेदारों से मिलीभगत करके भ्रष्ट कमाई के तौर पर ले लेते हैं. लेकिन यहां नगरपालिका हेलीमंडी में एक ऐसा कारनामा कर दिया जिसमें काम हुआ ही नहीं और पेमेंट पूरी ले ली गई.
कागजों में बन गई सड़क
नगरपालिका हेलीमंडी की तरफ से वार्ड नंबर 2 में चरण पाल के मकान से एमएलए स्कूल के ग्राउंड तक रास्ता बनाने का काम निर्धारित हुआ था और दूसरा काम माता मंदिर से लक्ष्मी नारायण के घर तक का रास्ता बनाना था, लेकिन हेलीमंडी नगरपालिका इंजीनियर हेमंत कुमार, चेयरमैन सुरेश कुमार और सेकेट्री सुशील कुमार ने ठेकेदारों के साथ मिलीभगत कर जमीन पर बिना रास्ता बनाए ही कागजों पर रास्ता बना कर काम को पूरा दिखा दिया. नातोल पुस्तिका में भी किए हुए काम की नपाई तुलाई कर दी व ठेकेदार को कागजी रास्ता बनने के एवज में 9 लाख 90 हजार का भुगतान जय दुर्गे ट्रेडर्स और राजन कंस्ट्रक्शन कंपनी को कर दिया.
चार्जशीट में विभागीय कार्रवाई की सिफारिश
भ्रष्टाचार के इस पूरे मामले की शिकायत रमेश यादव द्वारा एसडीएम उपमंडल अधिकारी पटौदी को दी गई. जिन्होंने जांच दौरान मौके पर पाया कि काम तो हुआ ही नहीं है और अपनी रिपोर्ट अतिरिक्त उपायुक्त महोदय गुरुग्राम को 10 दिसंबर 2019 को भेज दी. अतिरिक्त उपायुक्त गुरुग्राम ने मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट 27 दिसंबर 2019 को उपायुक्त गुरुग्राम को भेज दी. जिसमें अतिरिक्त उपायुक्त ने केवल नगरपालिका इंजीनियर हेमंत कुमार को दोषी माना और नियम 8 के तहत चार्जशीट कर विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की.