नई दिल्ली/नूंह:रमजान का महीना शनिवार से शुरू हो चुका है. रोजा होने के बावजूद लॉकडाउन का पूरी तरह से असर देखने को मिल रहा है. जिन मस्जिदों, मदरसों में सुबह ही रोजेदार वजू करके कुरान पाक की तिलावत करते थे. तहज्जुद की नमाज और तरावीह की नमाज के अलावा पांच वक्त की नमाज मस्जिदों में पढ़ते थे. सहरी-इफ्तार परिवार मिलकर करता था और इफ्तार के समय मस्जिदों में तरह-तरह के बनाए गए व्यंजन लेकर लोग इकट्ठे होकर रोजा खोलते थे, लेकिन इस बार पूरी तरह पूरी चहल-पहल कोरोना महामारी के चलते गायब है.
लॉकडाउन का हो रहा पालन
मुफ्ती रफीक ने बताया कि लॉकडाउन का पूरा पालन रोजेदार कर रहे हैं. मस्जिदों, बाजारों में भीड़ नहीं है. नमाज, तरावीह की नमाज इस बार घरों में ही पढ़ी जा रही है. सरकार के अलावा दारुल उलूम देवबंद तथा हजरत निजामुद्दीन मरकज की तरफ से भी घरों में ही इबादत करने का हुकुम है. उसी के आधार पर हर मुसलमान अमल कर रहा है, ताकि दुआओं में और इबादत से इस बरकत के महीने में इस महामारी से जंग जीती जा सके और इस और सब कुछ पहले की तरह सामान्य हो जाए.