नई दिल्ली/चंडीगढ़: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सड़क तंत्र के साथ-साथ रेल तंत्र को मजबूत करने की हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सोच को एक और बड़ी सफलता मिली है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गठित आर्थिक मामलों की केंद्रीय कैबिनेट कमेटी ने 5617.69 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत की हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर परियोजना को मंजूरी दे दी है. पलवल से सोनीपत तक बनने वाली ये नई विद्युतीकरण ब्रॉड गेज लाइन पांच वर्ष में पूरी होगी.
50 मिलियन टन से अधिक माल ढुलाई करेगी
लंबे अरसे से विवादों में रहे कुंडली-मानेसर एक्सप्रेस-वे को पूरा करवाने के बाद मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में यातायात को सुगम बनाने के लिए कई परियोजनाएं केंद्र सरकार से स्वीकृत करवाई है. हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर की 121.742 किलोमीटर लंबी ये दोहरी विद्युतीकरण ब्रॉड गेज लाइन होगी, जो प्रतिदिन 20 हजार यात्रियों को रेल यात्रा की सुविधा उपलब्ध करवाएगी और हर साल 50 मिलियन टन से अधिक माल ढुलाई करेगी.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर परियोजना की अवधारणा प्रधानमंत्री के सामने नवंबर, 2018 में उस समय रखी थी, जब प्रधानमंत्री सुल्तानपुर, गुरुग्राम में कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे का उदघाटन करने आए थे. जुलाई, 2019 में हरियाणा मंत्रिमंडल ने भी इस योजना को स्वीकृति दे दी थी. मुख्यमंत्री की पहल पर हरियाणा में हरियाणा रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास निगम लिमिटेड नाम से संयुक्त उद्यम बनाया गया है, जिसके अध्यक्ष लोक निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा हैं. रेलवे और हरियाणा सरकार के इस संयुक्त उद्यम के माध्यम से हरियाणा में सार्वजनिक-निजी भागीदारी में विभिन्न रेलवे प्रोजेक्ट चलाए जा रहे हैं. इसमें प्राइवेट हितधारक भी निवेश कर सकेंगे.
रेलवे लाइन पर 19 स्टेशन होंगे
हरियाणा रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास निगम लिमिटेड के अध्यक्ष एवं लोक निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने परियोजना के बारे में बताया कि कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे के साथ दिल्ली की ओर अंदर की तरफ 50 मीटर स्ट्रीप निर्धारित किया गया है और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के मास्टर प्लान में भी इसे रखा ग या है. उन्होंने बताया कि इस रेलवे लाइन पर 19 स्टेशन होंगे, जिनमें 14 नए स्टेशन होंगे. इन नए स्टेशनों में न्यू पृथला, सिलानी, सोहना, धुलावत, चांदला डुंगरवास, मानेसर, न्यू पाटली, बाढ़सा, देवरखाना, बादली, मान्डोठी, जसौर खेड़ी, खरखौदा, किरडी और तारकपुर शामिल होंगे. वर्तमान पलवल रेलवे स्टेशन और प्रस्तावित डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पृथला यार्ड से इसकी कनेक्टिविटी होगी.
अरोड़ा ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के गुरुग्राम, सोनीपत, पलवल, नूंह और झज्जर जिलों में सीधी कनेक्टिविटी होगी और एनसीआर में पड़ने वाले हरियाणा के इस उप क्षेत्र औद्योगिक, आर्थिक और सामाजिक गतिविधियां बढ़ेंगी. कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे के साथ-साथ पांच नए शहर बसाने अर्थात पंचग्राम विकसित करने में भी सहयोग मिलेगा. जब परियोजना का निर्माण कार्य आरंभ होगा तो 76.30 लाख कार्यदिवस (मैन डेज) सृजित होंगे. आत्मनिर्भर भारत मिशन को सफल बनाने में भी ये परियोजना कारगर सिद्ध होगी.