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नूंह: स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने मलेरिया की रोकथाम के लिए की बैठक - malaria cases in nuh

नूंह में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने मलेरिया की रोकथाम के लिए बुधवार को बैठक की. बैठक में मलेरिया को रोकने के लिए किये जा रहे कार्यों को लेकर चर्चा की गई.

nuh health dept officials hold meeting to stop malaria in district
नूंह

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Published : Sep 2, 2020, 10:08 PM IST

नई दिल्ली/नूंह: जिले में मलेरिया को फैलने से रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार कार्य कर रहा है. सितंबर महीना मलेरिया सीजन का अंतिम माह है. इस माह में मच्छर का लारवा लोगों की सेहत पर भारी ना पड़े, इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने अपनी मुहिम को तेज कर दिया. जिला मलेरिया अधिकारी एवं डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. अरविंद कुमार ने बताया कि जिले में 22 स्वास्थ्य संस्थान हैं. जिनमें 22 हेल्प इंस्पेक्टर कार्यरत हैं.

बुधवार को इन सभी 22 हेल्थ इंस्पेक्टर की बैठक की गई. जिनमें कोरोना के अलावा डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया इत्यादि बीमारियों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई. जिले में अब तक कुल 19 मलेरिया केस सामने आए हैं, जबकि बीते साल इन दिनों तक 350 के करीब के सामने आए थे.

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने जिले में जो मच्छरदानी का वितरण किया था, उसका इस्तेमाल लोग ज्यादा से ज्यादा करें. इस सीजन में पूरे बाजू के कपड़े पहनें, अपने आसपास पानी जमा न होने दें. अगर पानी जमा है, तो उसमें काला तेल डालें, कूलर, टंकी, गमला, फ्रिज की ट्रे, टायर इत्यादि को सप्ताह में एक बार अवश्य सुखाएं ताकि मच्छर समाप्त हो सके. अगर मच्छर समाप्त हुआ और लारवा समाप्त हुआ तो मलेरिया सहित कई लोगों का इस जगह से सफाया हो जाएगा.

कुल मिलाकर सितंबर के अंत तक सर्दी शुरू हो जाती है और सर्दी का सीजन शुरू होते ही मच्छर कम हो जाते हैं या मरने लग जाते हैं. जिसके बाद मलेरिया इत्यादि बीमारियों के फैलने का खतरा कम रहता है, लेकिन सितंबर माह में बरसात की वजह से पानी जमा हो जाता. जिसमें मच्छर आसानी से अपना अंडा देता है और उसमें लारवा पैदा हो जाता है, जो इंसान के स्वास्थ्य पर भारी पड़ जाता है. इसलिए पूरी सावधानी बरतने की जरूरत है, तभी जाकर मलेरिया से जिले को मुक्त किया जा सकता है.

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