नूंह: बरसात के सीजन में मलेरिया और डेंगू किसी की जान पर भारी ना पड़े, इसके लिए जिला स्वास्थ्य विभाग ने कमर कसनी शुरू कर दी है. नूंह सिविल सर्जन और डिप्टी सिविल सर्जन की मौजूदगी में जिले के हेल्थ इंस्पेक्टर की बैठक हुई. इस बैठक में सभी को मलेरिया को लेकर जरूरी निर्देश दिए गए. उन्होंने कहा कि नूंह जिले में साल 2019 में मलेरिया के 942 केस आए थे. वहीं इस साल जनवरी से लेकर अब तक 18 केस सामने आए हैं.
मलेरिया से बचने के लिए नूंह स्वास्थ्य विभाग ने कसी कमर - स्वास्थ्य विभाग बैठक नूंह
मौसमी बीमारी डेंगू और मलेरिया से बचने के लिए नूंह स्वास्थ्य विभाग ने तैयारी शूरू कर दी है. मंगलवार को डॉक्टर्स ने अधिकारियों के साथ बैठक की और साथ ही मलेरिया को लेकर जरूरी निर्देश दिए.
मलेरिया रोकथाम नूंह
इसी दौरान मीडिया से बात करते हुए डिप्टी सीएमओ अरविंद कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की टीमें डेल्टा मैथिन दवाई का छिड़काव करेगी. साथ ही टीमें ये भी देखेंगी कि किसी गांव, मोहल्ले, दफ्तर की छत, टायर, कूलर और फ्रिज में पानी जमा ना हो. इसके बारे में लोगों को जागरूक भी किया जाएगा, ताकि डेंगू का लार्वा ना पनप सके. साथ ही उन्होंने बचाव के कुछ तरीके भी बताए.
कैसे करें बचाव?
- कूलर और फ्रीज में पानी इकट्ठा ना होने दें
- पानी भरने वाली जगहों पर मिट्टी डाल दें
- गंदे पानी के तालाबों और पोखरों में काला तेल या दवा डालें
- घरों के आसपास गंदगी ना फैलने दें
- छत पर टायर या प्लास्टिक की बोतल ना डालें
- सिविल सर्जन डॉक्टर जेएस पूनिया ने बताया कि पिछले 2 साल से जिले में कोई भी डेंगू का केस नहीं मिला है, लेकिन इस बार पिछले कई महीनों से बेमौसम बरसात हुई है और और बरसात का मौसम भी शुरू हो गया है. उन्होंने कहा कि डेंगू का मच्छर दिन में काटता है और साफ पानी में ये मच्छर रहता है. जिसको देखते हुए लोगों को जागरूक किया जा रहा है.