नई दिल्ली/नूंह:अपनी मांगों को लेकर राजकीय शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज नल्हड़ के जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों ने हड़ताल की. जिसके बाद आश्वासन मिलने पर जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म की. वहीं एक दिन की हड़ताल के दौरान कामकाज पूरी तरह ठप पड़ा रहा. जिस वजह से मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.
नल्हड़ मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर ने वापस ली हड़ताल आश्वसान के बाद हड़ताल खत्म
जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल की खबर मिलने के बाद निदेशक डॉक्टर यामिनी ने हड़तालियों से मुलाकात की और उन्हें जल्द मांग पूरी करने का आश्वासन दिया. वहीं बीजेपी नेता नौक्षम चौधरी भी हड़ताली डॉक्टरों से मिलने पहुंची और उन्होंने भी जूनियर डॉक्टरों को भरोसा दिलाया कि सूबे के दूसरे मेडिकल कॉलेज की तर्ज पर उन्हें भी वेतन दिलवाया जायेगा. बीजेपी नेता और निदेशक के भरोसे के बाद जूनियर डॉक्टरों ने अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल वापस ले ली.
डॉक्टरों के मुताबिक उन्हें 45 हजार बेसिक वेतन के अलावा 15 हजार रुपये मेवात भत्ता मिलता है. कुल मिलाकर करीब 60 हजार रुपये मासिक वेतन जूनियर डॉक्टर को मिल पा रहा है. नल्हड़ मेडिकल कॉलेज में कार्यरत जूनियर डॉक्टर कहते हैं कि सूबे के खानपुर, कल्पना चावला जैसे मेडिकल कॉलेज में सातवें वेतन आयोग की सिफारिश लागू होने के बाद पिछले करीब दो साल से 90 हजार रुपये के करीब वेतन मिलता है.
'वेतन कम होने के कारण डॉक्टर छोड़ रहे नौकरी'
नल्हड जैसे ग्रामीण क्षेत्र में बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश सहित देश के दूरदराज राज्यों से डॉक्टर यहां नौकरी करने आते हैं, लेकिन वेतन कम होने के कारण पिछले 6 महीने में करीब 60 से अधिक डॉक्टर यहां से छोड़कर जा चुके हैं. अब महज 36 जूनियर डॉक्टर के भरोसे नल्हड़ मेडिकल कॉलेज चल रहा है, जबकि 95 जूनियर डॉक्टर के पद यहां स्वीकृत हैं.