नई दिल्ली/गुरुग्राम:हरियाणा-राजस्थान बॉर्डर पर बसा नूंह जिले का जैवंत गांव विकास की दौड़ में पिछड़ रहा है. सरकार और प्रशासन की अनदेखी के चलते आजादी के 70 वर्ष बाद भी जैवंत गांव में पेयजल की सुविधा नहीं पहुंच पाई है. बरसों से पेयजल की बाट जोह रहे जैवंत गांव में हालात बद से बदतर हो रहे हैं. पानी के लिए ग्रामीणों को दर-दर भटकने के साथ पैसा खर्च कर अपनी प्यास बुझानी पड़ रही है.
करीब 6 हजार की आबादी वाले इस गांव में ग्रामीण प्रतिमाह 6 लाख खर्च कर अपनी प्यास बुझा रहे हैं. पेयजल सप्लाई की सुविधा ना होने के चलते ग्रामीण 800 रुपये खर्च कर टैंकर मंगवाने को मजबूर हो रहे हैं. गरीब और मजदूर लोगों के लिए तो ये राशि जुटाना ही मुश्किल हो रहा है. गांव में पेयजल सप्लाई की आस लगाए बैठे ग्रामीण जवान से बूढ़े हो गए हैं, लेकिन आज तक उन्हें इस सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा है.