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गुरुग्राम में सीएम ने कष्ट निवारण समिति की ली बैठक, 8 समस्याओं का मौके पर निपटारा - कष्ट निवारण समिति गुरुग्राम

प्रदेश में दोबारा सरकार बनने के बाद सीएम मनोहर लाल ने पहली बार गुरुग्राम में कष्ट निवारण समिति की बैठक ली. बैठक में करीब 12 समस्याओं को रखा गया जिसमें सीएम ने सभी समस्याओं को सुनने के बाद 8 समस्याओं का मौके पर ही निवारण कर दिया.

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गुरुग्राम में कष्ट निवारण समिति की बैठक

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Published : Dec 14, 2019, 3:37 AM IST

नई दिल्ली/गुरुग्राम: स्वतंत्रता सेनानी जिला परिषद हॉल में कष्ट निवारण समिति की बैठक रखी गई. बैठक में पहुंचे सीएम मनोहर लाल ने 12 समस्याओं को सुना. वहीं समस्याओं को सुनने के साथ-साथ सीएम मनोहर लाल ने अधिकारियों को भी नसीहत दी कि प्रदेश में अब कोई भी भ्रष्टाचारी अधिकारी बख्शा नहीं जायेगा. वहीं सीएम मनोहर लाल ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के भारत मैक इन इंडिया नहीं बल्कि रेप इन इंडिया बन चुका है वाले बयान पर कहा कि रेप इन कांग्रेस.

गुरुग्राम में कष्ट निवारण समिति की बैठक

गुरुग्राम शहर की कुल 12 समस्याओं को सीएम ने एक-एक कर सुना और 8 समस्याओं का मौके पर ही निपटारा कर दिया. पटेल नगर के ऊपर से जा रही हाईटेंशन वायर को लेकर सीएम मनोहर लाल ने अधिकारियों को तुंरत आदेश जारी किए हैं कि जल्द ही इस हाईटेंशन वायर को हटाया जाये.

जल्द बंद होंगे डीजल से चलने वाले ऑटो

वहीं शहर में डीजल से चलने वाले सभी ऑटो को जल्द बंद करके उनकी जगह ई-रिक्शा और ई-ऑटो पर ध्यान दिया जायेगा जिसपर अधिकारी काम कर रहे है. इसके अलावा ट्रांसपोर्ट नगर पर भी सीएम मनोहर लाल ने अधिकारियों को रिपोर्ट तैयार करने के आदेश जारी किए हैं कि ट्रांसपोर्ट नगर की क्या रूपरेखा होगी.

गुरुग्राम में इंटरनेशन फूल मंडी को लेकर भी सीएम ने अधिकारियों को आदेश जारी किए हैं कि सेक्टर-52 में जो फूल मंडी बनाई जानी है. उस पर तेजी से काम किया जाए. इसके अलावा सीएम मनोहर लाल ने इस बैठक के दौरान सभी अधिकारियों को चेतावनी भी दी है कि किसी भी भ्रष्टाचारी अधिकारी को नहीं बख्शा जायेगा यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी भ्रष्टाचार करता है तो वो प्रदेश से बाहर जाने के लिए अपने बिस्तर बांध ले.

इसके साथ ही धान की खरीद पर बोलते हुए सीएम मनोहर लाल ने कहा कि धान की वैरिफिकेशन तीसरी बार पूरे प्रदेश में नहीं बल्कि उन इलाकों में कराई जा रही है जहां आंकड़े सही नहीं मिले थे या फिर कोई शिकायत उस पर मिल रही थी. ओलावृष्टि पर भी अधिकारियों को आदेश दिए गए हैं कि वे ये पता लगाएं कि किस इलाके में ओलावृष्टि से कितनी फसल बर्बाद हुई है.

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