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ग्रीन कॉरिडोर अधिग्रहण जमीन मामला: विधायकों के खिलाफ किसान करेंगे अनिश्चितकालीन धरना

ग्रीन कॉरिडोर जमीन अधिग्रहण मामले में किसानों ने फैसला लिया है कि अगर जल्द सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करेगी तो किसान अब विधायकों का विरोध करेंगे, विस्तार से पढ़ें पूरी खबर.

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ग्रीन कॉरिडोर अधिग्रहण जमीन मामला

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Published : Jan 30, 2020, 11:32 PM IST

नई दिल्ली/चरखी दादरी: ग्रीन कॉरिडोर 152डी नेशनल हाईवे के लिए अधिग्रहीत जमीन का उचित मुआवजा की मांग को लेकर जिले के 17 गांवों के किसान अब आर-पार के मूढ में हैं. धरनारत किसानों की कोर कमेटी ने मीटिंग कर दादरी व बाढड़ा विधायकों का विरोध करने का निर्णय लिया है.

ग्रीन कॉरिडोर अधिग्रहण जमीन मामला

किसानों का आरोप है कि दोनों विधायकों द्वारा किसानों की मांगों का समाधान करवाने के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किए. ऐसे में अब एक सप्ताह बाद विरोध करने के लिए किसान एकजुट होंगे. बता दें कि नारनौल से गंगेहड़ी तक ग्रीन कारिडोर 152डी का करीब 230 किलोमीटर लंबे निर्माण को लेकर एनएचआई द्वारा चार हजार करोड़ रुपए की राशि किसानों की अधिग्रहीत जमीन को लेकर तय की गई है.

'26 फरवरी से शुरू होगा अनिश्चितकालीन धरना'
मार्ग निर्माण में दादरी जिला 17 गांवों के किसानों की 750 एकड़ जमीन अधिग्रहण में आई है. सरकार व एनएचआई द्वारा किसानों को मुआवजा निर्धारण करने के लिए अवार्ड घोषित किए गए थे. जिसके बाद किसानों ने रोष जताते हुए मुआवजा कम मिलने की बात कही और पिछले वर्ष 26 फरवरी से गांव रामनगर में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं.

धरनारत किसानों ने विधायकों के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया. धरनास्थल पर कोर कमेटी की मीटिंग किसान नेता अनूप खातीवास व विनोद मोड़ी की अध्यक्षता में हुई. मीटिंग में निर्णय लिया गया कि अब जिलेभर के किसान एकजुट होते हुए दादरी के विधायक सोमबीर सांगवान व बाढड़ा की विधायक नैना चौटाला का विरोध करेंगे.

'11 महीने से किसान धरने पर बैठे हैं'
मीटिंग के बाद किसान नेताओं ने बताया कि दोनों विधायकों ने किसानों की मांगों को पूरा करवाने के लिए कुछ नहीं किया. किसान लगातार 11 महीने से धरने पर बैठे हैं. अब किसान चुप नहीं बैठेंगे और दोनों विधायकों का विरोध करेंगे. साथ ही उन्होंने एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया कि दोनों विधायकों द्वारा किसानों की मांगों को पूरा नहीं करवाया जाता है तो उनके पुतले फूंके जाएंगे और बड़ा आंदोलन करेंगे.

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