नई दिल्ली/चंडीगढ़: इस प्रकृति ने पृथ्वी को कई मौसम तोहफे में दिए हैं, गर्मी, सर्दी, बरसात, पतझड़... ये सभी मौसम इस धरती के लिए काफी अहम हैं. मानव जीवन के लिए बहुत जरूरी हैं, लेकिन कभी कभी प्रकृति का ये रूप बेहद रौद्र हो जाता है और तब शुरू होती हैं परेशानियां. इस वक्त भादो का महीना है, लेकिन प्रकृति ने पूरे उत्तर भारत में ऐसा रूप दिखाया कि लगता है सावन की झड़ी लग गई है.
रुक-रुक कर हो रही है प्रदेश में बारिश
पिछले 30 घंटों से पूरे एनसीआर में बारिश थमने का नाम नहीं ले रही है. इस भारी बारिश की वजह से आम जीवन अस्त व्यस्त हो चुका है. हरियाणा में बुधवार को 30 किमी प्रति घंटा की गति से चली तेज हवाओं के साथ आई बारिश की वजह से कई जिलों में पेड़ और बिजली के खंभे उखड़कर गिर गए. पिछले 30 घंटे में औसतन 7.3 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई. हालांकि मौसम विभाग के अनुसार ये बारिश औसतन कम है.
हरियाणा में बारिश की संभावनाएं कैसे बनती है?
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग के अध्यक्ष एमएल खिचड़ का कहना है कि हरियाणा में बारिश आने की दो तरह से संभावनाएं बढ़ती हैं. एक अरब महासागर से और दूसरा बंगाल की खाड़ी से. यहां से साइक्लोनिक हवाएं हरियाणा तक पहुंचती हैं तो बारिश होती है, लेकिन लंबे समय से हरियाणा तक ये हवाएं पहुंचने तक कमजोर हो जाती है, जिस वजह से कई जिलों में औसतन कम बारिश हो रही हैं.
फिलहाल एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन दक्षिण हरियाणा के पास बना हुआ है. नमी वाली हवाए उत्तर पश्चिमी भारत के मैदानी क्षेत्रों की तरफ बढऩे की संभावना को देखते हुए हरियाणा राज्य में मॉनसूनी हवाओं की सक्रियता अगले दो दिनों तोक बने रहने की संभावना है.