नई दिल्ली/गुरुग्राम:हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 को लेकर सभी पार्टियां पूरी तैयारी के साथ प्रचार में जुट गई हैं. नेता हर रोज प्रदेशभर का दौरा कर लोगों के बीच जा रहे हैं. नेताओं के एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप भी तेज हो गए हैं. वहीं गुरुग्राम में महापंचायत हुई, जिसमें लोगों ने मुआवजा राशि मामले में वोट न करने का फैसला लिया है.
360 गांवों की पंचायत ने किया चुनाव बहिष्कार महापंचायत कर रोष जाहिर करते लोग
गुरुग्राम के बादशाहपुर विधानसभा के मानेसर क्षेत्र में 360 गांवों की महपंचायत हुई, जिसके बाद महिलाओं और युवाओं ने इस बार किसी भी उम्मीवार को वोट नहीं करने का फैसला लिया हैं. दरअसल मानेसर आईएमटी बनाने के लिए बासकुशला, बासहरिया, कासन और ढाणा गांव की जमीन को सरकार ने अधिग्रहण किया था. किसानों को मुआवजा भी दिया गया लेकिन किसानों को अधिक दिए जाने पर उनको मुआवजा वापिस करने के लिए नोटिस दिया है.
हाई कोर्ट ने जारी किया आदेश
साल 2002 में इन चार गांवों की 2 हजार एकड़ जमीन को चौटाला सरकार ने आईएमटी बनाने के लिए अधिग्रहण की थी. जिसके लिए किसानों को प्रति एकड़ 2 लाख 25 हजार रुपये देने का ऐलान किया था लेकिन किसानों से इस मुजावजे की रकम को देकर हाई कोर्ट में केस किया, जिसके बाद कोर्ट की तरफ से साल 2013 में मुआवजा बढ़ाने का ऐलान किया था. सरकार ने किसानों का मुआवजा बढ़ा दिया था.
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किसानों ने बढ़ा ने हुआ मुआवजा उठा लिया था. अब सरकार की तरफ से इस केस को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया गया, जहां से किसानों से बढ़ा हुआ मुआवजा वापिस देने के आदेश जारी किए गए. जिसके चलते किसानों इस बार विधासभा चुनावों में वोट नहीं देने का फैसला लिया है. चुनावों में वोट नहीं करने से नाराज महिलाओं और युवाओं ने का कहना है कि इस बार किसी भी उम्मीदवार को गांवों में घुसने नहीं देंगे. इसके साथ ही गांव वालों ने चुनाव बहिष्कार का फैसला किया है.