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मोदीनगर: संविदा आधारित नौकरी को लेकर युवाओं ने अपर जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन

उत्तर प्रदेश सरकार समूह ‘ख’ और समूह ‘ग’ की भर्ती प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करने पर विचार कर रही है. प्रस्तावित व्यवस्था में चयन के बाद शुरुआती पांच साल तक कर्मियों को संविदा (कॉन्ट्रैक्ट) के आधार पर नियुक्त किया जाएगा.

youth of Modinagar submitted a memorandum to the Additional District Magistrate regarding contractual job
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Published : Sep 15, 2020, 9:23 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश सरकार 5 साल संविदा पर आधारित सरकारी नौकरी देने का नियम लाने की तैयारी कर रही है. इस पर मोदीनगर के युवाओं का कहना है कि इस नीति के लागू हो जाने के बाद भ्रष्टाचार बढ़ेगा और युवाओं का शोषण होगा. इस नियम पर रोक लगाने की मांग को लेकर उन्होंने अपर जिलाधिकारी प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है.

संविदा आधारित नौकरी को लेकर युवाओं ने अपर जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन

पांच साल तक संविदा के आधार पर होगी नियुक्ति

उत्तर प्रदेश सरकार समूह ‘ख’ और समूह ‘ग’ की भर्ती प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करने पर विचार कर रही है. प्रस्तावित व्यवस्था में चयन के बाद शुरुआती पांच साल तक कर्मियों को संविदा (कॉन्ट्रैक्ट) के आधार पर नियुक्त किया जाएगा. इस दौरान उन्हें नियमित सरकारी सेवकों को मिलने वाले अनुमन्य सेवा संबंधी लाभ नहीं मिलेंगे. पांच साल की कठिन संविदा सेवा के दौरान जो छंटनी से बच पाएंगे. उन्हें ही मौलिक नियुक्ति मिल सकेगी.

नई व्यवस्था में तय फार्मूले पर इनका छमाही यानी हर 6 महीने पर मूल्यांकन होगा. इसमें हर साल 60 प्रतिशत से कम अंक पाने वाले सेवा से बाहर होते रहेंगे. जो पांच साल की सेवा तय शर्तों के साथ पूरी कर सकेंगे. उन्हें मौलिक नियुक्ति दी जाएगी. वहीं अब दूसरी ओर युवाओं ने इस नीति का विरोध करना शुरू कर दिया है. जिसको लेकर मंगलवार को मोदीनगर के युवाओं ने इस नीति पर रोक लगाने की मांग को लेकर अपर जिलाधिकारी प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है.


'सरकार ये प्रस्ताव युवाओं पर थोप रही है'

ईटीवी भारत को मोदीनगर निवासी अंशुल कुमार ने बताया कि प्रदेश सरकार 5 साल संविदा पर नौकरी करने का प्रस्ताव जो युवाओं पर थोप रही है, हम इसका विरोध करते हैं. हमें ऐसी व्यवस्था नहीं चाहिए जिसमें हमारा शोषण हो. इस नियम के बाद 5 साल ऊपर के अधिकारी हमारा शोषण करते हुए लूट-खसोट करेंगे. जो पैसे देगा उसको परमानेंट किया जाएगा वरना अन्य को नौकरी से बाहर कर दिया जाएगा. इसलिए वह चाहते हैं कि ऐसी व्यवस्था नहीं की जाए. सरकार को कोई अधिकार नहीं कि वो उनके मौलिक अधिकारों का हनन करें.



'संविदा आधारित नीति न की जाए लागू'

ईटीवी भारत को युवा राजू शाह ने बताया कि सरकार द्वारा संविदा आधारित नौकरी की जो तैयारी की जा रही है. यह बहुत ही खराब नीति है, खासकर युवाओं के लिए. इसमें शोषण का तंत्र तैयार होगा. ऊपर के अधिकारी मूल्यांकन के आधार पर नौकरी पाने वाले युवाओं का शोषण करेंगे. इसलिए इस प्रकार का कोई भी नियम/कानून भविष्य में कभी भी न बने. इसको लेकर उन्होंने अपर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा है.

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