गाजियाबाद: अगर आप गाजियाबाद नगर निगम के क्षेत्र अंतर्गत रहते हैं और आपके घर का हाउस टैक्स तय नहीं हुआ है तो इसके लिए अब आप को नगर निगम कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. अब आप घर बैठे ही अपनी संपत्ति का हाउस टैक्स तय कर सकेंगे. सोमवार को गाजियाबाद नगर निगम की महापौर आशा शर्मा और नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तवर ने ऑनलाइन सेल्फ असेसमेंट स्वकर निर्धारण प्रणाली को लांच किया गया है. जोकि www.Onlinegnn.com वेबसाइट पर उपलब्ध है.
अब नहीं लगाने होंगे नगर निगम के चक्कर, ऑनलाइन खुद तय कर सकेंगे अपने घर का हाउस टैक्स
हाउस टैक्स के लिए नगर निगम के चक्कर काटने वालों के लिए खुशखबरी है. अब घर बैठे खुद ही संपत्ति का हाउस टैक्स तय कर सकेंगे. नगर निगम जनता की सुविधा के लिए जल्द ही वेब पोर्टल लॉन्च करने जा रहा है.
इस सुविधा का प्रयोग करके कोई भी सम्पत्ति स्वामी अपने मकान या सम्पत्ति कर स्वकर निर्धारण करने के लिए अपना फार्म ऑनलाइन भर सकते है. फार्म भरने के लिए सम्पत्ति स्वामी को अपनी सम्पत्ति की देनी होगी ये आवश्यक जानकारी:-
- पूरा पता.
- नाम.
- मकान के निर्माण का प्रकार.
- किस वर्ष में निर्माण किया गया.
- मकान में कितने तलो का निर्माण किया गया है.
- उपयोग का प्रकार कार्पेट अथवा कवर्ड एरिया.
ये सभी विवरण दिए गए फॉर्म पर भरना आवश्यक होगा. भरे गए फॉर्म को सबमिट करने के बाद वेबसाइट से एक टोकन न. प्राप्त होगा. जिसको नगर निगम अधिकारियों द्वारा जांच करने के पश्चात उसका निरीक्षण करने के उपरांत गृहकर बिल आदि की कार्यवाही की जाएगी तथा ऐसी सम्पत्ति को एक यूनिक कोड भी दिया जाएगा.
० गलत जानकारी देने पर लगेगा जुर्माना
निगम से मिली जानकारी के मुताबिक ये ऑनलाइन सर्विस वेबसाइट के होम पेज पर ही 'Self Assessment' के नाम से उपलब्ध है. जिसपर क्लिक कर के सुविधा का लाभ लिया जा सकता है और नगर निगम कार्यालय में आये बगैर ही घर बैठे सम्पत्ती को गृहकर आदि के लिए रजिस्टर कराया जा सकता है. यदि किसी सम्पत्ति के विवरण में गलत सूचना दी गयी है और इसकी पुष्टि नगर निगम के स्टाफ द्वारा किये गए थल निरीक्षण में भी होती है तो ऐसे मामले में नगर निगम द्वारा दण्ड आरोपित किया जाएगा. सेल्फ असेसमेंट के साथ भवन स्वामी अपना गृहकर, जलकर, एवं सीवर कर की जानकारी भी यही से ले सकते है. इसके साथ साथ किसी भवन स्वामी से गलती से ज्यादा भुगतान कर देते हैं तो नगर निगम को इसकी सूचना देने पर नगर निगम भवन स्वामी के उसी खाते में रकम वापस भेजेगा या फिर अगले वर्ष एडजस्टमेंट करेगा.