नई दिल्ली/गाजियाबाद: कृषि कानूनों की वापसी और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी पर कानून बनाने की मांग को लेकर दिल्ली गाजीपुर बॉर्डर समेत राजधानी की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन जारी है. बंगाल की तर्ज पर किसान नेता उत्तर प्रदेश में भी सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ रणनीति तैयार कर रहे हैं. बंगाल में संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसान नेताओं ने महापंचायत कर लोगों से भाजपा के खिलाफ मतदान करने की अपील की थी जिसका असर चुनाव परिणामों में देखने को मिला था. किसान नेताओं ने इसे मिशन बंगाल नाम दिया था. मिशन बंगाल की तर्ज पर अब किसान नेता "मिशन यूपी" की शुरुआत करने जा रहे हैं.
मुजफ्फरनगर में 5 सितंबर को होगी विश्व की सबसे बड़ी किसान महापंचायत
कृषि कानूनों की वापसी को लेकर धरने पर बैठे किसान विश्व की सबसे बड़ी महापंचायत करने की तैयारी में हैं. जिसमें बंगाल की तर्ज पर सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ रणनीति तैयार की जायेगी.
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किसान नेता राकेश टिकैत के मुताबिक मिशन यूपी की शुरुआत किसानों की राजधानी कहे जाने वाले मुजफ्फरनगर से होगी. संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले 5 सितंबर को मुज़फ्फरनगर के जीआईसी ग्राउंड में महापंचायत का आयोजन होगा. जिसमें देश के तमाम राज्यों के किसान शामिल होंगे. जानकारी के मुताबिक संयुक्त किसान मोर्चा के अंतर्गत आने वाले 40 किसान संगठन मौजूदा समय में महापंचायत को सफल बनाने में जुटे हुए हैं. गांवों में जाकर भारतीय किसान यूनियन समेत अन्य किसान संगठन सभाएं और पंचायतें कर महापंचायत को सफल बनाने की कवायद कर रहे हैं. किसान नेता राकेश टिकैत भी कई राज्यों के दौरे पर हैं. भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत के पुत्र गौरव टिकैत और राकेश टिकैत के पुत्र चरण सिंह टिकैत भी गांवों के भ्रमण पर हैं.