नई दिल्ली/गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली से सटे जनपद गाजियाबाद में एक ओर लाॅकडाउन के चलते गरीबों और मजदूरों को पहले से ही काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं दूसरी तरफ मुरादनगर की हैंडलूम फैक्ट्रियों में काम करने वाली महिला मजदूरों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. महिला मजदूरों से ईटीवी भारत ने की खास बातचीत की.
महिला मजदूरों को नहीं मिल रही है कोई सुविधा भारतीय महिला मजदूर संघ मुरादनगर की अध्यक्ष सुशीला ने ईटीवी भारत को बताया कि महिला मजदूरों को किसी भी तरह की सुविधा नहीं मिल रही है. महिला मजदूरों को इतनी परेशानी है कि उनके बच्चों को खाना भी नहीं मिल पा रहा है और फैक्ट्री मालिक उनकी बात नहीं सुन रहे हैं.
महिला मजदूरों को नहीं मिल रही किसी भी तरीके की सुविधा
उन्होंने बताया कि वह मुरादनगर की फैक्ट्री में पिछले 10 साल से काम कर रही हैं, लेकिन अगर अब वह पैसे लेने के लिए फैक्ट्री मालिक के पास जाती हैं तो फैक्ट्री मालिक यह कहते हैं कि लाॅकडाउन चल रहा है ऐसे में वो लोग पैसा कहां से लाकर दें.
काम करने के बावजूद नहीं मिल रही तनख्वाह
वहां मौजूद दूसरी महिला का कहना है कि उनको फैक्ट्री में काम करने के बावजूद भी पैसे नहीं मिल रहे हैं. फैक्ट्री मालिक का कहना है कि वह पहले ही सभी मजदूरों को पैसे बांट चुके हैं. लेकिन जब उन्होंने अपने फैक्ट्री मालिक से ₹1000 की मांग की तो उनका कहना है कि वो सिर्फ एक आटे का कट्टा दे सकते हैं. ऐसे में महिला का कहना है कि वह सिर्फ एक आटे के कट्टे से अपना गुजारा कैसे करेंगी.