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जरा सी बारिश ने खोली नगर पालिका की पोल, मुरादनगर की सड़कें बनीं नहर

गाजियाबाद के मुरादनगर कस्बे में थोड़ी सी बरसात (Rain in Ghaziabad) के बाद ही जलभराव की समस्या (Waterlogging problem in muradnagar) उत्पन्न हो जाती है, जिससे मुरादनगर नगर पालिका परिषद (Muradnagar Municipal Council) के जरिए किए गए कार्यों का पता चलता है. हल्कि बारिश के कारण ही कस्बे में जलभराव हो जाता है, जिसकी वजह से स्थानीय लोग परेशान होते हैं.

water logging problem in muradnagar of ghaziabad
जलभराव की समस्या

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Published : Jun 17, 2021, 3:05 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: जनपद गाजियाबाद के मुरादनगर कस्बे में दोपहर बाद हुई थोड़ी सी बारिश (Rain in Ghaziabad) ने मुरादनगर नगर पालिका परिषद (Muradnagar Municipal Council) की पोल खोल कर रख दी है कि वह किस तरीके से कस्बे के अंदर मौजूद मलिन बस्तियों में साफ-सफाई अभियान (Cleanliness Drive) चलाती है, क्योंकि कस्बे को मलिन बस्तियों से जोड़ने वाले महत्वपूर्ण पुरानी गुड़ मंडी के रास्ते पर घुटनों तक पानी भर (Waterlogging in Muradnagar) गया है.

गाजियाबाद के मुरादनगर में जलजमाव की समस्या

ऐसे में रास्ते से गुजरने वाले लोग मजबूरी में इस गंदे पानी से होकर निकल रहे हैं. अगर नगर पालिका परिषद बेहतर तरीके से मलिन बस्तियों में नाली की सफाई करे, तो इन रास्तों पर बरसात के दिनों में पानी भरने की संभावना बहुत कम हो जाती है.


बस्तियों के रास्ते पर भरा पानी

वहीं दूसरी ओर तस्वीरों में यह नजारा मुरादनगर बस स्टैंड के नजदीक मलिक नगर कॉलोनी का है, जहां पर थोड़ी सी बारिश की वजह से बस्ती में मौजूद नाले ओवरफ्लो होकर चलने लगें. ऐसे में अगर बरसात तेज होती है तो इन नालों का गंदा पानी पास में मौजूद बस्तियों में जाएगा, जिसकी वजह से स्थानीय निवासियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.


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थोड़ी सी बरसात से नाले हुए ओवरफ्लो

स्थानीय निवासियों ने बताया कि मुरादनगर नगर पालिका परिषद इन नालों की सफाई नहीं करती है, जिसकी वजह से नाले गंदगी से अटे रहते हैं तो वहीं दूसरी ओर रास्ते और नाले के बीच भी काफी ऊंच-नीच का फर्क है, जिसकी वजह से थोड़ी सी बरसात में पानी भर जाता है और यह पानी लोगों के घरों के अंदर घुसना शुरू कर देता है.

जलभराव की समस्या से लोग परेशान

वहीं, दूसरी ओर खेतों में हाल फिलहाल में ईख की बुवाई करने वाले किसानों के लिए यह बेमौसम तेज बरसात नुकसानदायक रही है. किसान का कहना है कि अभी उन्होंने फिलहाल में जो ईख बोई है. वह पूरी तरीके से जम नहीं पाई है.

गन्ने की खेती

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ईख की फसल को हुआ नुकसान

किसानों ने बताया कि बरसात से पहले जो उन्होंने ईख बोई थी. उसमें कुछ ईख जम गई है और कुछ अभी खेतों में जमें बगैर रह गई है. यह बारिश की वजह से अब जमें बगैर रह जाएगी. इसलिए अब बेमौसम हुई बरसात की वजह से उनकी फसल का नुकसान हुआ है. एक किसान ने बताया कि उनका बरसात की वजह से लगभग 1 बीघा फसल का नुकसान हुआ है, जिसकी लागत तकरीबन ₹3000 आती है.

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