नई दिल्ली/गाजियाबाद : शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी (Former Shia Waqf Board Chairman) ने आज धर्म परिवर्तन कर हिंदू धर्म अपना लिया है. उनका नया नाम जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी (Jitendra Narayan Singh Tyagi) है. बकायदा पूजा-अर्चना और मंत्रोच्चारण के साथ पूरे रीति-रिवाज से उन्होंने हिंदू धर्म अपनाया. उनसे पूछा गया कि क्या यह राजनीतिक फैसला है. इस पर उन्होंने क्या कहा आइए जानते हैं.
जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी (Jitendra Narayan Singh Tyagi) बनने के बाद वसीम रिजवी ने कहा कि डासना देवी मंदिर (Dasna Temple in Ghaziabad) के महंत नरसिंहानंद सरस्वती (Yati Narsinghanand Saraswati) ने उन्हें यह नाम दिया है. उन्होंने कहा कि मन से सनातन धर्म को अपनाया है. वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह ने कहा कि हिंदू धर्म (Hindu Religion) इंसानियत का धर्म है. उन्होंने कहा कि हम हिंदू धर्म को जागरूक करेंगे. हम फसाद नहीं करना चाहते. जितेंद्र नारायण सिंह ने कहा कि आज 6 दिसंबर का दिन है.
जितेंद्र सिंह त्यागी बनने के बाद वसीम रिजवी बोले - चुनाव नहीं लडूंगा, मन से अपनाया है हिन्दू धर्म - वसीम रिजवी का नया नाम जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी
विवादों में रहने वाले शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी (Former Shia Waqf Board Chairman) ने हिंदू धर्म अपना लिया है. वसीम रिजवी का गाजियाबाद स्थित डासना मंदिर में धर्मांतरण (Conversion in Dasna Temple) हुआ. उनका नया नाम जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी (Jitendra Narayan Singh Tyagi) है.
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जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी ने कहा कि जो मेरे साथ है वह मेरे साथ आएगा और हिंदू धर्म कबूल करेगा. जो मेरे साथ नहीं है हम धार्मिक हिसाब से उनका त्याग कर देंगे. उनसे पूछा गया कि तीन महीने बाद उत्तर प्रदेश में चुनाव है. क्या आपका यह फैसला राजनीतिक फैसला है. उन्होंने कहा जो लोग इस समय मुस्लिम वोट की राजनीति कर रहे हैं, वह मेरे धर्म परिवर्तन को अपने हिसाब से देख रहे हैं. लेकिन भगवान महादेव जानते हैं कि हमने राजनीति से हटकर धर्म परिवर्तन किया है. उन्होंने कहा कि हिंदुओं को यह बात जरूर समझनी चाहिए कि राजनीति एक ताकत है. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी, बसपा और कांग्रेस समझती है कि राजनीति में मुस्लिम समाज वोट बैंक है. हिंदूओं को एकजुट होना चाहिए. मैं कोई चुनाव लड़ने नहीं जा रहा हूं. मैं एक फौजी की तरह हिंदू समाज में शामिल हुआ हूं. संघ और विश्व हिंदू परिषद का मैं सम्मान करता हूं. हम किसी विवाद में नहीं फंसते हैं. सब लोग सम्मानित हैं. सब अपने-अपने दायरे में काम करें तो अच्छा लगता है.