नई दिल्ली/गाजियाबाद : वाराणसी के सीरियल ब्लास्ट मामले के आरोपी वलीउल्लाह को जिला सत्र न्यायालय ने दोषी करार दिया है. सजा पर फैसला 6 जून को आएगा. जिला जज जितेंद्र कुमार सिन्हा ने फैसला सुनाया है. सात मार्च 2006 को वाराणसी के संकटमोचन मंदिर और कैंट स्टेशन पर सीरियल ब्लास्ट हुए थे. 16 साल बाद इस मामले में फैसला आया है.
7 मई 2006 को वाराणसी के संकट मोचन मंदिर और कैंट रेलवे स्टेशन पर सीरियल ब्लास्ट की घटना हुई थी. घटना में 16 लोगों की मौत हो गई थी. जबकि 76 लोग घायल हो गए थे. उसी शाम को दशाश्वमेध घाट पर भी विस्फोटक मिले थे. इस मामले में इलाहाबाद के फूलपुर इलाके के रहने वाले वालीउल्लाह को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया था. उस पर संकट मोचन मंदिर और वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर विस्फोट की साजिश रचने का आरोप था. शुरू में वालीउल्लाह का मुकदमा लड़ने से भी वकीलों ने मना कर दिया था. इसके बाद हाईकोर्ट के आदेश पर मामला गाजियाबाद न्यायालय को ट्रांसफर किया गया था.
अभियोजन के वकील ने बताया कि वलीउल्लाह के खिलाफ 6 मामले चल रहे थे. इनमें से चार में उसे दोषी करार दिया गया है. इनमें से एक मामला संकट मोचन मंदिर वाराणसी का है. इसमें 302, 307, 324,326 के अलावा विस्फोटक अधिनियम में दोषी करार दिया गया है. दूसरा मुकदमा 3,4,5 विस्फोटक अधिनियम का है. दशाश्मेध घाट रेलिंग के पास भी प्रेशर कुकर में बैग में रखा हुआ विस्फोटक पदार्थ बरामद हुआ था. अधिकारियों ने बताया था कि अगर यह बम ब्लास्ट हो जाता तो इसमें 200 मीटर तक तबाही मच सकती थी.
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अभियोजन पक्ष के वकील ने बताया कि 6 जून सोमवार को दोपहर 2:00 बजे दोषी वालीउल्लाह की सजा पर सुनवाई होगी. इस मामले में अन्य आरोपी भी थे. जिनमें जकारिया, मुस्तफिज, बशीर, मोहम्मद जुबेर शामिल थे. इनमें से मोहम्मद जुबेर पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था. अभियोजन वकील ने बताया कि संकट मोचन मंदिर वाले मामले में 47 गवाह पेश किए गए थे. इसके अलावा तीन बचाव के साक्ष्य पेश किए गए थे. दूसरे मुकदमे में 30 गवाह पेश हुए थे. यह दशाश्मेध घाट वाला मामला था.