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गाजियाबाद: बारूद के ढेर पर थी मोमबत्ती फैक्ट्री, थाना इंचार्ज निलंबित

मोमबत्ती बनाने में गंधक पोटाश का इस्तेमाल किया जा रहा था, जो इस तरह के बारूद जैसा होता है और जल्दी आग लग जाती है. भारी मात्रा में गंधक पोटाश फैक्ट्री में कैसे पहुंचा. इस बात की जांच बहुत जरूरी है.

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Published : Jul 7, 2020, 10:15 AM IST

Updated : Jul 7, 2020, 3:19 PM IST

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फैक्ट्री में लगी आग

नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद के मोदीनगर इलाके में लगी मोमबत्ती फैक्ट्री में आग के मामले में मोदी नगर के थाना इंचार्ज देव पाल पुंडीर को एसएसपी ने निलंबित कर दिया है. मामले में थाना इंचार्ज की गंभीर लापरवाही पाई गई है.

थाना इंचार्ज हुए निलिंबत

आपको बता दें, मोमबत्ती फैक्ट्री में लगी आग में 8 मजदूरों की मौत हो गई थी. जिसमें स्थानीय चौकी इंचार्ज को घटना के दिन ही निलंबित कर दिया गया था. जांच में पाया गया कि मोदी नगर के थाना इंचार्ज की लापरवाही की वजह से फैक्ट्री में अवैध रूप से आपत्तिजनक सामान पहुंचा. जिससे हादसा हो गया। निवाड़ी थाने के इंचार्ज जयकरण सिंह को मोदीनगर थाने का चार्ज दिया गया है.

थाना इंचार्ज
कहां से आया भारी मात्रा में गंधक पोटाश


मोमबत्ती बनाने में गंधक पोटाश का इस्तेमाल किया जा रहा था, जो इस तरह के बारूद जैसा होता है और जल्दी आग लग जाती है. भारी मात्रा में गंधक पोटाश फैक्ट्री में कैसे पहुंचा. इस बात की जांच बहुत जरूरी है. नेशनल ह्यूमन राइट्स कमिशन ने भी सरकार से इस मामले में जवाब मांगा है, कि 8 मजदूरों की मौत का जिम्मेदार कौन है. स्थानीय स्तर पर मामले की न्यायिक जांच की जा रही है.


मरने वालों में 3 बच्चे भी शामिल


मरने वाले 8 लोगों में से 3 बच्चे भी शामिल पाए गए हैं. सवाल यह है कि फैक्ट्री में बच्चों से मजदूरी कराई जाती रही और पुलिस को कानों कान भनक तक नहीं लगी. जब लॉकडाउन में फैक्ट्रियां चलाने को लेकर काफी सख्ती थी लेकिन एक अवैध फैक्ट्री बारूद के ढेर पर चलती रही और पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. इन सवालों के अभी उत्तर आना बाकी है. जो जांच के बाद क्लिर हो जाएंगे.

Last Updated : Jul 7, 2020, 3:19 PM IST

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