नई दिल्ली/मथुराः विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में विराजमान ठाकुर बांके बिहारी महाराज इस बार शरद पूर्णिमा पर विशेष पोशाक धारण करेंगे. शरद पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर बृहस्पतिवार को ठाकुर बांके बिहारी महाराज को धारण कराए जाने वाली विशेष पोशाक और शृंगार के दर्शन सेवायत गोस्वामियों द्वारा कराए गए. इस बार विशेष पोशाक और मुकुट को सेवायत गोस्वामियों ने जयपुर एवं दिल्ली से तैयार कराया गया.
ठाकुरजी के श्रृंगार और पोशाक का कराया दर्शन
ठाकुर बांके बिहारी महाराज साल में केवल एक ही दिन शरद पूर्णिमा के दिन मोर, मुकुट, कटि काछनी एवं बंशी धारण करते हैं, जिसे ठाकुरजी को धारण कराने से पूर्व मीडिया के माध्यम से भक्तों को दर्शन कराए गए. विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में ठाकुर बांके बिहारी शुक्रवार को शरद पूर्णिमा पर्व पर विशेष पोशाक और शृंगार धारण करेंगे. मंदिर के सेवायत गोस्वामियों द्वारा श्रृंगार धारण कराने से पूर्व ही शृंगार का भक्तों को दर्शन कराया. मंदिर सेवायत अतुल कृष्ण गोस्वामी ने बताया कि शुक्रवार को ठाकुर जी का शरद महोत्सव है. शरद शरद महोत्सव पर सेवा अधिकारी प्रदीप गोस्वामी, अरविंद गोस्वामी, मुन्ना श्याम आदि द्वारा ठाकुरजी का विशेष रूप से श्रृंगार किया जाएगा. क्योंकि शरद पूर्णिमा पर ठाकुर बांके बिहारी जी महाराज के श्रृंगार का बड़ा महत्व है, जो कि साल में एक ही दिन होता है.
ठाकुरजी के शृंगारका श्रीमद्भागवत में है वर्णन
महारास का शृंगार जो ठाकुर जी का श्रीमद्भागवत में वर्णन है. महारास में ठाकुरजी ने मोर, मुकुट, कटि काछनी एवं बंशी में धारण की थी. उस रात का जो श्रृंगार होता है, वह शरद पूर्णिमा पर ठाकुर जी बांके बिहारी महाराज धारण करेंगे, जो कि साल में एक ही दिन होता है. पुजारी ने बताया कि बिहारी जी महाराज रोज 12 श्रीपेश धारण करते हैं.