नई दिल्ली/गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली में 1 सितंबर से पुरानी शराब नीति लागू होने के बाद दिल्ली से गाजियाबाद में हो रही तस्करी पर काफी हद तक लगाम लग गई है. दिल्ली में गत वर्ष नवंबर में नई आबकारी नीति के तहत खुली दुकानें बीती 31 अगस्त को बंद हो गई. पुरानी शराब नीति के चलते तस्करों ने दिल्ली से सस्ती शराब लाकर यूपी में खपाने की कोशिश की लेकिन गाजियाबाद के आबकारी विभाग ने तस्करों की तमाम कोशिशों को नाकाम कर दिया.
आबकारी विभाग द्वारा अगस्त में दिल्ली से अवैध शराब गाजियाबाद में लाने पर 141 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया. जबकि शराब की तस्करी में लिप्त 73 वाहनों को ज़ब्त किया गया था. इस दौरान आबकारी विभाग द्वारा तकरीबन तीन हज़ार लीटर अवैध शराब जप्त की गई. जबकि दिल्ली में पुरानी शराब नीति लागू होने के बाद दिल्ली से गाजियाबाद में शराब तस्करी करते हुए 27 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया जबकि सिर्फ एक वाहन को ज़ब्त किया गया है.
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आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह बताते हैं. दिल्ली में जब पुरानी शराब नीति लागू थी तो इस दौरान तस्करी की घटनाएं काफी अधिक हो रही थी. तस्करी को रोकने के लिए आबकारी विभाग द्वारा विभिन्न टीमों का गठन कर विभिन्न पॉइंट पर तैनात किया गया था. फिलहाल दिल्ली में पुरानी शराब लागू है. ऐसे में सितंबर में शराब तस्करी की काफी कम घटनाएं प्रकाश में आई हैं. शराब की तस्करी बंद होने से गाज़ियाबाद में शराब का उपभोग बढ़ रहा है. जिसे सीधे के तौर पर राजस्व में इजाफा हुआ है. सितंबर 2021 में 104 करोड़ राजस्व प्राप्त हुआ था जो कि सितंबर 2022 में बढ़कर 119 करोड़ रुपए पहुंच गया है.
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त्योहारों को मद्देनजर रखते हुए जनपद के भीतर छह मोबाइल टीमों की तैनाती की गई है. जबकि 6 टीमें दिल्ली की सीमाओं पर तैनात है. मौजूदा समय में हरियाणा से शराब की तस्करी की संभावना अधिक है. ऐसे में ईस्टर्न पेरिफेरल डासना और दुहाई पर आबकारी विभाग की टीमें तैनात हैं. किसी भी अन्य प्रदेश से उत्तर प्रदेश में केवल एक बोतल शराब की ला सकते हैं. शर्त यह है कि इस बोतल की सील खुली होनी चाहिए. यदि कोई इससे अधिक शराब दूसरे राज्य से लेकर आता है तो उस पर कार्रवाई की जाती है.
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