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नाइट कर्फ्यू से वीरान हुए रेस्टोरेंट, संचालकों के माथे पर छाई चिंता की लकीरें

गाजियाबाद में बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए 8 अप्रैल से ज़िले में नाइट कर्फ्यू लगाया गया है, जिससे व्यापार पर काफी बुरा असर पड़ रहा है. वहीं रेस्टोरेंट का कारोबार को भी काफी नुकसान हो रहा है. जिससे रेस्टोरेंट संचालकों के माथे पर चिंता की लकीरें छा गई हैं.

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नाइट कर्फ्यू से वीरान हुए रेस्टोरेंट

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Published : Apr 11, 2021, 1:40 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद:दिल्ली एनसीआर में कोरोना वायरस एक बार फिर रफ्तार पकड़ रहा है. कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए गाजियाबाद में 8 अप्रैल से ज़िले में नाइट कर्फ्यू लगाया गया है, जिससे व्यापार पर काफी बुरा असर पड़ रहा है. वहीं रेस्टोरेंट के कारोबार को भी काफी नुकसान हो रहा है, जिससे रेस्टोरेंट संचालकों के माथे पर चिंता की लकीरें छा गई हैं.

राजनगर के रेस्टोरेंट हुए वीरान
गाजियाबाद का पॉश इलाका राजनगर डिस्ट्रिक्ट सेंटर शाम ढलते ही गुलजार होता था. यहां आमतौर पर रेस्टोरेंट में रात 9 से 11 के बीच लोगों की भीड़ देखने को मिलती थी. एक तरफ जहां लोग खरीदारी करने को पहुंचते थे तो वहीं दूसरी तरफ लोग रेस्टोरेंट में स्वादिष्ट खानों का लुत्फ उठाते थे लेकिन नाइट कर्फ्यू लगने के बाद इलाके में सन्नाटा छा जाता है और रात में गुलज़ार रहने वाले रेस्टोरेंट वीरान हो गए है.

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2020 के दंश से मुश्किल से संभले थे

साल 2020 में आए कोरोना संक्रमण के बाद लगे सम्पूर्ण लॉकडाउन समाप्त होने के बाद अनलॉक के तहत तमाम व्यवसायिक गतिविधियां पटरी पर लौटने लगीं, होटल और रेस्टोरेंट व्यापार भी धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा था लेकिन कोरोनावायरस ने फिर रफ्तार पकड़ी और नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया. नाइट कर्फ्यू लगने से रेस्टोरेंट के काम पर खासा असर पड़ा है.

कारोबार ठप्प होने का डर

रेस्टोरेंट संचालकों का कहना है कि नाइट कर्फ्यू लगने के बाद रेस्टोरेंट्स व्यापार में तकरीबन 50% की गिरावट आई है. कर्मचारियों की सैलरी, होटल का किराया, बिजली का बिल जमा करना भी किसी चुनौती से कम नही है. रेस्टोरेंट में काम करने वाले कर्मचारी भी खासा चिंतित हैं क्योंकि उन्हें डर है कि अगर रेस्टोरेंट में ग्राहक नहीं आए तो कहीं काम ठप्प न हो जाए और उनका मालिक उन्हें नौकरी से ना निकाल दें.

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