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राशन डीलरों ने भेजा CM योगी को ज्ञापन, मांगें नहीं मानी तो देंगे इस्तीफा - CM yogi

कोरोना के दौरान तमाम दुकानें बंद हैं, लेकिन राशन की दुकानें सुचारू रूप से चल रही हैं. बात सरकारी राशन की दुकानों की करें तो राशन बांटने के दौरान यहां पर काफी भारी भीड़ देखने को मिलती है. जिससे कि कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा बना रहता है. भारी भीड़ के चलते सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना भी राशन डीलर के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होता.

Ration dealers sent appeal memorandum to CM Yogi  during coronavirus
CM योगी को भेजा ज्ञापन

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Published : Apr 29, 2020, 2:21 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद:देशभर में कोविड 19 वैश्विक महामारी का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है. राजधानी दिल्ली से सटे जनपद गाजियाबाद में भी कोरोना ने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं. कोरोना वायरस की इस जंग में सबसे अधिक संक्रमण का खतरा उन लोगों को है, जो फ्रंट फुट पर आकर कोरोना से जंग लड़ रहे हैं. जिसमे पुलिसकर्मी, डॉक्टर, राशन डीलर, सफाई कर्मचारी शामिल हैं.

CM योगी को भेजा ज्ञापन

सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना चुनौतीपूर्ण

लॉकडाउन के दौरान तमाम दुकानें बंद हैं, लेकिन राशन की दुकानें सुचारू रूप से चल रही हैं. बात सरकारी राशन की दुकानों की करें तो राशन बांटने के दौरान यहां पर काफी भारी भीड़ देखने को मिलती है. जिससे कि कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा बना रहता है. भारी भीड़ के चलते सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना भी राशन डीलर के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होता.

इसी को लेकर फेयर प्राइस डीलर्स फेडरेशन ने अपर जिला अधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन भेज अपनी समस्याओं और मांगो को बताया है.


ये हैं एसोसिएशन की मुख्य मांगे:

० कोटेदारों को कोरोना वायरस से बचाव के लिए सेफ्टी किट, सैनिटाइजर वगैरा की व्यवस्था की जाए.

० कोटेदारों की कोरोना वायरस के कारण मृत्यु होने पर प्रदेश सरकार से ₹50 लाख की आर्थिक सहायता परिवार को मुहैया कराई जाए.

० फर्जी शिकायतों पर कोटेदारों पर कार्यवाही ना की जाए, शिकायत पर कोटेदार को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाए. शिकायत सही पाए जाने पर कार्यवाही की जाए अन्यथा शिकायतकर्ता पर कार्यवाही की जाए.

० ई-पास मशीन से वितरण बंद करके अन्य विकल्पों के माध्यम से वितरण कराया जाए. क्योंकि ई-पास से वितरण से संक्रमण के फैलने का खतरा अधिक हो जाता है.

० प्रदेश में कोटेदार पैसा जमा करने व निकासी लेने जाते समय पुलिस उत्पीड़न का शिकार हो रहा है. जिससे कई के हाथ तक टूट गए हैं तथा उनके साधनों को चालान व जब्त किया गया है,इसको रोका जाए.

० कोटेदारों के दुकानों पर वितरण के लिए अधिकारी लगाए गए हैं. इनकी उपस्थिति में वितरण करने के पश्चात भी जांच करके उत्पीड़न किया जा रहा है. जैसे FIR, निलंबन, जुर्माना लगाया जा रहा है. जबकि पर्व एक अधिकारी पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है.


10 मई तक पूरी की जाए मांगें

फेडरेशन ने ज्ञापन में साफ कर दिया है कि सरकार द्वारा मांगों को 10 मई तक विचार नहीं किया गया तो सभी कोटेदार ई-पास मशीन जमा कर त्यागपत्र देने के लिए बाध्य होंगे. जिससे वितरण कार्य बाधित होने पर समस्त जिम्मेदारी शासन व प्रशासन की होगी.

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