नई दिल्ली/गाजियाबादः कृषि कानूनों (Agricultural Laws) की वापसी और न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) पर कानून की गारंटी की मांग को लेकर दिल्ली गाजीपुर बॉर्डर समेत राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर चल रहे किसानों के आंदोलन को 7 महीने पूरे होने जा रहे हैं. इस बीच किसान नेता कई बार साफ कर चुके हैं कि जब तक तीनों कृषि कानूनों की वापसी नहीं होगी, तब तक किसानों की गांव को वापसी भी नहीं होगी.
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने एक ट्वीट में 26 जनवरी को हुई दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर मार्च का जिक्र करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. टिकैत ने ट्वीट में लिखा है, ''चार लाख ट्रैक्टर भी यही हैं, दिल्ली के ढब को खड़े खड़े घे करें वे, वो 25 लाख किसान भी यही हैं और 26 तारीख भी हर महीने आती है ये सरकार याद रख लें.''
एक अन्य ट्वीट में राकेश टिकैत ने कहा, 'पिछले सात महीने से हमारा आंदोलन चल रहा है, सरकार को शर्म नहीं आती? कोरोना की तीसरी वेव आती है, तो भी हम यहीं रहेंगे. आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से चलता रहेगा.
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सहारनपुर से शुरू हो रही ट्रैक्टर यात्रा
दरअसल राकेश टिकैत के इस ट्वीट को आज सहारनपुर से शुरू हो रही किसानों की ट्रैक्टर यात्रा (Tractor Yatra) से जोड़कर भी देखा जा रहा है. ट्रैक्टर यात्रा का पहला चरण 24 जून को सहारनपुर से शुरू हो रहा है. किसान नेताओं के मुताबिक पहले चरण में सहारनपुर-मुजफ्फरनगर से ट्रैक्टर यात्रा निकलेगी और 26 जून को गाजीपुर बॉर्डर पहुंचेगी, जिसके बाद ट्रैक्टर यात्रा के अन्य चरणों की शुरआत होगी. प्रत्येक चरण में दो जिलों के किसान ट्रैक्टर यात्रा लेकर गाजीपुर बॉर्डर पहुंचेंगे.