नई दिल्ली/गाजियाबाद : किसान आंदोलन (Farmer Protests) अब समाप्ति की ओर आगे बढ़ रहा है. किसान सामान के साथ अब गांवों की तरफ कूच कर रहे हैं. भले ही किसान आंदोलन का आज आखिरी दिन है लेकिन गाजीपुर बॉर्डर (Farmers on Ghazipur Border) पर किसानों की काफी भीड़ नजर आ रही है. इनमें वो लोग भी शामिल है जो प्रदर्शनकारियों के घर के सदस्य है. परिवार के लोग अपने लोगों को आन्दोलनस्थल से लेने से के लिए पहुंचे हुए है.
गाजीपुर बॉर्डर पर मौजूद किसान नेता राकेश टिकैत (Farmer Leader Rakesh Tikait) ने कहा कि आंदोलन खत्म होने के बाद भी आन्दोलनस्थलों पर भीड़ बढ़ रही है. यह दुनिया का पहला ऐसा आंदोलन होगा. हमने यहां लोगों को आंदोलन कैसे करते हैं उसकी ट्रेनिंग दी है. पुराने परिवारों को एक साथ इस आंदोलन ने जोड़ा है. आंदोलन हमेशा स्थगित होता है खत्म नहीं होता. हम कैसे जिम्मेदारी लेले की भविष्य में कोई आंदोलन नहीं होगा, यह तो वक्त ही बताएगा.
गाजीपुर बॉर्डर से किसानों की घर वापसी टिकैत (Farmer Leader Rakesh Tikait) का कहना है कि आज से किसान अपने-अपने घर जा रहे हैं, लेकिन हम 15 दिसंबर को घर जाएंगे. क्योंकि देश में हजारों धरने चल रहे हैं. हम पहले उन्हें समाप्त करवाएंगे और उन्हें घर वापस भेजेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने राष्ट्र के नाम संबोधन में किसानों की मांग को स्वीकार करते हुए कहा था कि सरकार तीन कृषि कानूनों (three agricultural laws) को वापस लेगी. शीतकालीन सत्र शुरू होते ही सरकार वादे के मुताबिक संसद में बिल लेकर आई और कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा संसद में की.
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एमएसपी की गारंटी (MSP Guarantee) व अन्य मुद्दों पर सरकार से सकारात्मक आश्वासन मिलने के बाद किसानों ने आंदोलन खत्म करने की घोषणा की थी. किसान नेताओं ने जोर देते हुए कहा था कि आंदोलन खत्म नहीं हुआ है और वे 15 जनवरी को यह देखने के लिए एक बैठक करेंगे कि सरकार ने उनकी मांगें पूरी की है या नहीं.
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पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों ने तीन विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले साल 26 नवंबर को दिल्ली की सीमाओं- सिंघू, टिकरी और गाजीपुर में विरोध प्रदर्शन शुरू किया था. संसद ने 29 नवंबर को इन कानूनों को निरस्त कर दिया था, लेकिन किसानों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा.