नई दिल्ली/गाजियाबाद:शीतकालीन सत्र (Winter Session of Parliament) के पहले दिन लोक सभा में केंद्र सरकार के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Agriculture Minister Narendra Singh Tomar) ने कृषि कानूनों को निरस्त करने का बिल पेश किया. विपक्षी सासदों के हंगामे के बीच कृषि कानून निरसन विधेयक 2021 (Farm Laws Repeal Bill 2021) पारित हो गया.
वहीं दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे किसान नेता राकेश टिकैत ने इस प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ठीक हुआ है. एक बीमारी थी कट गई. टिकैट आंदोलन के शुरुआती दिनों से ही कह चुके हैं कि कि बिल वापसी पर ही घर वापसी होगी, लेकिन जब उनसे घर वापसी पर सवाल पुछा गया तो उन्होंने कहा कि अभी कई और मामले हैं जिनका समाधान होना बाकी है. उन्होंने साफ किया कि किसानों की तमाम समस्याओं का समाधान होने के बाद ही किसान गांव को लौटेंगे.
कृषि कानून वापसी पर बोले टिकैत. ये भी पढ़ें: कृषि बिल निरस्त करने वाला विधेयक लोकसभा में पारित, शीतकालीन सत्र के दौरान संसद में पेश होंगे 26 बिल
राकेश टिकैत ने कहा कि हम सरकार को किसी भी तरह से झुकाना नहीं चाहते हैं हमारा मकसद किसानों की समस्याओं का सरकार से हल करवाना है. एमएसपी (Minimum Support Price) एक बड़ा मुद्दा है. टिकैत ने कहा कि जिस तरह से 11 दौर की वार्ता किसानों और सरकार के बीच हुई, ठीक उसी तरह से अब वार्ताओं का दौर शुरू होना चाहिए, जिससे जल्द किसानों की समस्याओं का समाधान निकल सके और किसान अपने घरों को वापस लौट सकें.
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पिछले 19 नवंबर को पीएम मोदी ने कृषि कानूनों को निरस्त करने का एलान किया था. उन्होंने कहा था कि शीतकालीन सत्र में कानूनों को सरकार वापस लेगी. राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरु पर्व और कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की. उन्होंने देशवासियों से माफी भी मांगी, पीएम ने कहा कि इस महीने के अंत तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया शुरू कर देंगे.
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