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बीजेपी के पोस्टर पर बोले टिकैत- लखनऊ भी आऊंगा और तारीख भी बताऊंगा

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Published : Aug 6, 2021, 2:31 PM IST

बीजेपी और संयुक्त किसान मोर्चा के बीच पोस्टर वार चल रहा है. 29 जुलाई को यूपी बीजेपी ने अपने ट्वीटर हैंडल से एक कार्टून पोस्ट किया था जिसके जवाब में भारतीय किसान यूनियन ने भी ट्वीट किया है. क्या है पूरा मामला पढ़िए पूरी ख़बर.

Poster war
लखनऊ जाएंगे राकेश टिकैत.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान नेता राकेश टिकैत ने हाल ही में लखनऊ के चारों तरफ रास्ते बंद करने की बात कही थी. जिसे उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों से भी जोड़कर देखा जा रहा है. जिसके बाद बीजेपी और संयुक्त किसान मोर्चा के बीच पोस्टर वार शुरू हो गया है.

दरअसल, हाल ही में राकेश टिकैत ने कहा था कि लखनऊ के चारों तरफ के रास्ते बंद कर दिए जाएंगे. जब तक कृषि कानूनों की वापसी नहीं होगी तब तक किसान आंदोलन जारी रहेगा. किसान नेता राकेश टिकैत के इस बयान के उत्तर प्रदेश भाजपा और संयुक्त किसान मोर्चा के बीच पोस्टर वार शुरू हो गया. दोनों ने एक-दूसरे पर पोस्टर जारी कर निशाना साधा है.

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आज भारतीय किसान यूनियन द्वारा एक ट्वीट किया गया है, जिसमें कहा गया है कि-

लखनऊ भी आएंगे और तारीख भी बताएंगे, आज आ रहा हूं.

लखनऊ जाएंगे राकेश टिकैत.

दरअसल हाल ही में यूपी भाजपा द्वारा कार्टून के साथ Tweet किया गया था कि-

ओ भाई जरा संभल कर जइयो लखनऊ में...

बीजेपी का ट्वीट.

साथ ही ट्वीट में पोस्टर भी शामिल किया गया था. भाजपा द्वारा ट्वीट किए गए कार्टून में बाहुबली लिखा एक शख्स कह रहा था-

सुना लखनऊ जा रहे तम...किमें पंगा न लिए भाई...योगी बैठया है बक्कल तार दिया करे और पोस्टर भी लगवा दिया करे.

बीजेपी का ट्वीट.

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भाजपा द्वारा जारी की गए इस पोस्टर के जवाब में आज संयुक्त किसान मोर्चा ने पोस्टर जारी कर पलटवार किया. संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा जारी किए गए पोस्टर में किसान नेता राकेश टिकैत ट्रैक्टर पर सवार दिखाए गए थे और किसान एकता जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे. उनके साथ में किसान पोस्टर लिए खड़े हुए थे. पोस्टर में ट्रैक्टरों को उत्तर प्रदेश की तरफ बढ़ता हुआ दिखाया गया था.

किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है उत्तर प्रदेश समेत विभिन्न राज्यों के किसानों की विभिन्न समस्याएं हैं. उत्तर प्रदेश में गन्ने का रेट भी बढ़ना चाहिए. उत्तर प्रदेश सरकार को पांच साल पूरे होने वाले हैं. इस बीच में महंगाई तो बढ़ी है, लेकिन गन्ने का रेट नहीं बढ़ा है. किसानों के गेहूं भी ठीक प्रकार से खरीद नहीं हुई है. कृषि कानूनों की वापसी का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर जाएगा.

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