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टिकैत की रोटेशन नीति का असर, बढ़ रही किसानों की तादाद: राजवीर जादौन - statement over rotation policy of rakesh tikait

राकेश टिकैत की रोटेशन नीति की वजह से बॉर्डरों पर किसानों की संख्या बढ़ी है. कटाई और बुआई का समय होने की वजह से किसान खेती का काम भी कर रहे हैं और बॉर्डर पर आंदोलन में भी शामिल हो रहे हैं. इस बारे में भाकियू के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष राजवीर जादौन ने ईटीवी भारत से बात की.

रोटेशन नीति पर भाकियू के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष राजवीर जादौन ने ईटीवी भारत से बात की.
रोटेशन नीति पर भाकियू के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष राजवीर जादौन ने ईटीवी भारत से बात की.

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Published : Mar 1, 2021, 6:07 PM IST

Updated : Mar 1, 2021, 9:48 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद:भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत की तकरीबन महीने भर से विभिन्न राज्यों में महापंचायत हो रही है. इसके चलते राकेश टिकैत की गाजीपुर बॉर्डर पर उपस्थिती काफी कम हो गई है. ऐसे में देखने को मिला है कि टिकैत की गैर मौजूदगी में बीते दिनों बॉर्डर पर किसानों की संख्या भी कम हो गई है. किसानों की कम होती संख्या को देखते हुए राकेश टिकैत ने रोटेशन नीति बनाई, रोटेशन नीति के शुरू होने के बाद अब बॉर्डर पर किसानों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है.

टिकैत की रोटेशन नीति का असर

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बारी-बारी से किसान बॉर्डर पहुंचते हैं

भारतीय किसान यूनियन के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन ने बताया पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गन्ने की कटाई और बुवाई चल रही है. बुंदेलखंड क्षेत्र में दलहन आदि की कटाई चल रही है. मौजूदा समय में किसान अपनी खेती किसानी के कार्य में व्यस्त है. किसानों पर देश की 130 करोड़ जनता का पेट भरने की भी जिम्मेदारी है.

उन्होंने बताया खेती को ज़िंदा रखने के लिए आंदोलन भी ज़रूरी है. ऐसे में यूनियन द्वारा रोटेशन रणनीति बनाई गई, जिसके तहत एक क्षेत्र के निश्चित समय के लिए किसान ग़ाज़ीपुर बॉर्डर आते हैं और उनके वापस लौटने से पहले दूसरे क्षेत्र के किसान गाजीपुर बॉर्डर पहुंचते हैं, जिससे कि किसान देश के भंडार भरने का भी दायित्व पूरा करता रहे और आंदोलन भी जारी रहे.

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सूचना के बाद किसान बॉर्डर की ओर करते हैं कूच

राजवीर जादौन ने बताया कि विभिन्न प्रदेशों के विभिन्न जिलों के किसान यूनियन के पदाधिकारी लगातार संपर्क में रहते हैं. ग़ाज़ीपुर बॉर्डर से पदाधिकारियों को सूचना भेजी जाती है. इसके बाद किसान अपने क्षेत्रों से गाजीपुर बॉर्डर की तरफ कूच करते हैं और आंदोलन स्थल पहुंचकर अपनी भूमिका निभाते हैं. रोटेशन रणनीति काफी कारगर साबित हो रही है, जैसे कि आंदोलन स्थल पर किसानों की संख्या बढ़ी है. मौजूदा समय में हज़ारों की संख्या में किसान ग़ाज़ीपुर बार्डर पर मौजूद हैं.

Last Updated : Mar 1, 2021, 9:48 PM IST

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