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गाजियाबाद में विद्युत विभाग के संविदा कर्मचारियों का प्रदर्शन, ये हैं मांगें - गाजियाबाद विद्युत विभाग

गाजियाबाद के राजनगर में विद्युत विभाग के संविदा कर्मचारियों ने अपनी कई मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. उनका कहना है कि उन्हें मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही हैं.

संविदा कर्मचारियों का प्रदर्शन
संविदा कर्मचारियों का प्रदर्शन

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Published : Oct 19, 2021, 5:37 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: जिले के राजनगर स्थित मुख्य अभियंता के कार्यालय पर संविदा कर्मचारियों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान कर्मचारियों ने विद्युत विभाग के अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. निविदा-संविदा कर्मचारी सेवा समिति के बैनर तले संविदा कर्मचारियों द्वारा नौ सूत्रीय मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया.

निविदा-संविदा कर्मचारी सेवा समिति के गाजियाबाद जिलाध्यक्ष महेश सिंघानिया ने बताया कि संविदा कर्मचारी अपने हक के लिए लड़ रहे हैं. जो सरकार से हमें वेतन मिलना चाहिए वो हमें नही मिल रहा है. संविदा कर्मचारियों को कितने प्रकार की मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही हैं. आज नौ सूत्रीय मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. अगर समय रहते मांगों को पूरा नहीं किया जाता तो एक बड़ा आंदोलन देखने को मिल सकता है.

विद्युत विभाग के संविदा कर्मचारियों का प्रदर्शन

ये हैं मुख्य मांगें:

*कर्मचारी की ड्यूटी का समय निर्धारित किया जाए और उन्हें जानकारी दी जाए कि उनके अनुबंध में कर्मचारी के द्वारा क्या-क्या कार्य लिया जा सकता है.

*संविदा कर्मचारी अगर किसी भी बिजलीघर पर कार्य करते समय दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है तो उसका इलाज कंपनी द्वारा वहन किया जाए.

*प्रत्येक बिजली घर पर कर्मचारियों को टीएनपी फीट पूर्ण रूप से उपलब्ध कराई जाए.

*कर्मचारियों को ईएसआई कार्ड उपलब्ध कराए जाएं.

*कर्मचारी की दुर्घटनाओं में मृत्यु होने के उपरांत कर्मचारियों की बीमा राशि तत्काल प्रभाव से कर्मचारी के परिवारजनों को वितरित की जाए.



प्रदर्शनकारी संविदा कर्मचारियों के मुताबिक, कंपनी अधिकारी को इन समस्याओं से अवगत कराया गया, लेकिन कंपनी द्वारा कोई ठोस जवाब नहीं दिया गया. जिसके कारण कर्मचारी बिजली घरो पर कार्य करने में असमर्थ हैं क्योंकि किसी भी कंपनी के द्वारा पत्र जारी कर कर्मचारियों को अपने अधीन नहीं किया गया है.

संविदा कर्मचारियों का प्रदर्शन

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कर्मचारियों का कहना है जब तक कंपनी का पूर्ण रूप से अनुबंध का निर्णय नहीं हो जाता तब तक कोई भी कर्मचारी अपने कार्यस्थल पर कार्य करने में असमर्थ हैं और जब तक कंपनी द्वारा लिखित व अपनी जिम्मेदारी नहीं लेती है. कर्मचारी अपने कार्य पर नहीं जाएंगे.

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