गाजियाबाद: रीजनल रैपिड ट्रांज़िट सिस्टम (आरआरटीएस) के तहत दिल्ली-मेरठ मार्ग पर बनाए जा रहे मोदी नगर नॉर्थ स्टेशन का निर्माण कार्य अगले चरण में पहुंच गया है. इस स्टेशन के सभी पिलर बनकर तैयार हो चुके हैं और अब स्टेशन के कॉनकोर्स लेवल के लिए पियर आर्म्स बनने आरम्भ हो गए हैं.
मोदी नगर नॉर्थ स्टेशन एक युनीक बैलेंस्ड कैंटिलीवर स्टेशन है. जिसका निर्माण दिल्ली-मेरठ मुख्य मार्ग के बीच स्पेशल रूप से डिजाइन किए गए सिंगल पिलर पर किया जा रहा है. सिंगल पिलर डिज़ाइन की संकल्पना इसलिए की गई है, ताकि पूरे स्टेशन का आधारभूत ढांचा नीचे जमीन पर कम से कम जगह ले और मुख्य मार्ग पर आने-जाने के लिए अप्रतिबंधित मार्ग प्रदान किया जा सके.
अधिकारियों के मुताबिक मोदी नगर नॉर्थ स्टेशन का सम्पूर्ण ढांचा और वायाडक्ट, स्टेशन के 11 केंद्रीय पिलर्स पर आधारित है, जिनमें से 7 पिलर पर कॉनकोर्स लेवल के लिए पियर आर्म्स बनाए जाने हैं. पियर आर्म्स के निर्माण के बाद कॉनकोर्स लेवल की स्लैब कास्टिंग की जाएगी. वर्तमान में कॉनकोर्स लेवल के लिए 3 पियर आर्म्स का निर्माण हो चुका है. इसके साथ ही वायाडक्ट के सेगमेंट्स लगाने का कार्य भी चल रहा है. स्टेशन के वायाडक्ट के लिए कुल 10 स्पैन बनाए जाने हैं, जिनमें से एक स्पैन बनकर तैयार हो चुका है. कॉनकोर्स लेवल की स्लैब कास्टिंग पूरी होने के बाद यहाँ पर प्लेटफॉर्म लेवल का निर्माण कार्य प्रारम्भ होगा.
प्रीकास्ट तकनीक से हो रहा निर्माण
इस स्टेशन के कॉनकोर्स और प्लेटफॉर्म लेवल का निर्माण भी प्रीकास्ट तकनीक से बनी प्राइमरी और सेकेंडरी बीम, पियर आर्म्स, स्टेशन के क्रॉस आर्म्स आदि की मदद से किया जा रहा है. निर्माण के दौरान लोगों की असुविधा को कम करने और दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर को समय पर पूरा करने के लिए एनसीआरटीसी ने बड़े पैमाने पर प्रीकास्ट तकनीक को अपनाया है. इस तकनीक में बड़े-बड़े ढांचे निर्माण स्थल से दूर फैक्ट्री सेटिंग में निर्मित किए जाते हैं जिससे तेज़ गति से, एक समान व स्टैंडर्ड निर्माण के साथ उसकी गुणवत्ता भी सुनिश्चित होती है.
ऐसा होगा मोदीनगर स्टेशन