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ऑक्सीजन की कमी से हो रही मौतों को लेकर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग में याचिका दाखिल - ऑक्सीजन की कमी से कोरोना मरीजों की मौत

देश में ऑक्सीजन की कमी के कारण कोरोना संक्रमित मरीजों कि हो रही मौतों को लेकर मानव अधिकार कार्यकर्ता एडवोकेट विष्णु कुमार गुप्ता ने राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग में एक याचिका दायर की है. जिसमें कहा गया है कि अगर सरकार की ओर से ऑक्सीजन का बफर स्टॉक और उत्पादन एवं आपूर्ति पर ध्यान दिया जाता तो ऐसी भयावह स्थिति पैदा नहीं होती.

Petition filed in National Human Rights Commission on corona patients deaths
ऑक्सीजन की कमी से कोरोना मरीजों की मौत

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Published : May 8, 2021, 2:22 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद :देश में ऑक्सीजन की उपलब्धता की कमी के कारण कोरोना संक्रमित मरीजों कि हो रही मौतों को लेकर मानव अधिकार कार्यकर्ता एडवोकेट विष्णु कुमार गुप्ता ने राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग में एक याचिका दायर की है. जिसमें कहा गया है कि देश के जिला अस्पताल और निजी अस्पतालों में न तो ऑक्सीजन प्लांट है और न ही ऑक्सीजन के भंडारण की व्यवस्था है. जबकि इन जगहों पर कम समय व कम खर्च पर एक माह में प्रेशर स्विंग अडसोर्बशन (पी.एस आर) प्लांट लगाए जा सकते हैं. ऐसे एक प्लांट को लगाने में केवल इतनी लागत आती है. जितनी रकम कई अस्पताल हर वर्ष ऑक्सीजन खरीदने में खर्च कर देते हैं.

ऑक्सीजन की कमी से कोरोना मरीजों की मौत

याचिका में मानव अधिकार कार्यकर्ता ने कहा है हमारे देश में ऑक्सीजन का बफर स्टॉक न होने से ऑक्सीजन की कमी बनी हुई है. यदि केंद्र सरकार की ओर से आम आदमी के जीवन जीने के अधिकार को ध्यान में रखते हुए बीते वर्ष के कोरोना वायरस के संकट को देखते हुए ऑक्सीजन का बफर स्टॉक और उत्पादन एवं आपूर्ति पर ध्यान दिया जाता तो ऐसी भयावह स्थिति पैदा नहीं होती.

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एडवोकेट गुप्ता का कहना है कि केंद्र सरकार महामारी का आंकलन करने में फेल हो गई है. कोरोना की तीसरी लहर अक्टूबर में आने की संभावना जताई जा रही है. इसलिए केंद्र सरकार का प्राथमिक दायित्व बन जाता है कि वर्तमान एवं भविष्य की ऑक्सीजन की स्थिति को देखते हुए अविलंब देश के सभी सरकारी जिला अस्पताल और निजी अस्पतालों में भी ऐसे प्लांट लगवाना सुनिश्चित करें. जिससे लिए उनके द्वारा आयोग में याचिका दायर की गई है.

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