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मोदीनगर: बंदरों के आतंक से परेशान होकर लोगों ने शुरू किया कार्मिक अनशन

ईटीवी भारत को रानी लक्ष्मीबाई फाउंडेशन की अध्यक्ष कुसुम सोनी ने बताया कि वो मोदीनगर नगर पालिका परिषद के मुख्य द्वार पर बंदरों की समस्या से परेशान होकर कार्मिक अनशन पर बैठे हैं. उन्होंने बताया कि बंदर रोजाना किसी न किसी को काटकर अपना शिकार बनाते हैं. यहां तक की बंदरों की वजह से एक व्यक्ति की मौत भी हो चुकी है. लेकिन इस समस्या का कोई भी संज्ञान नहीं ले रहा है.

People started a personnel hunger strike in Modinagar due to terror of monkeys
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Published : Oct 3, 2020, 9:04 PM IST

नई दिल्ली: बंदरों के आतंक से परेशान होकर मोदीनगर निवासियों ने शनिवार को रानी लक्ष्मीबाई फाउंडेशन के तत्वाधान में नगर पालिका परिषद के मुख्य द्वार पर कार्मिक अनशन किया. जिनको विभिन्न सामाजिक संगठनों समेत विभिन्न राजनीतिक दल समर्थन दे रहे हैं.

'बंदरों की समस्या से दिलाई जाए निजात'


मोदीनगर वासियों को काफी लंबे समय से बंदरों के आतंक का सामना करना पड़ रहा है. जिसको लेकर वह बार बार मोदीनगर प्रशासन सहित मुख्यमंत्री दरबार तक अपनी गुहार लगा चुके हैं. बंदरों की समस्या से अधिक परेशान हो जाने के कारण मोदीनगर निवासियों ने रानी लक्ष्मीबाई फाउंडेशन के तत्वधान में 21 सितंबर को मोदीनगर तहसील परिसर में सांकेतिक धरना भी दिया था. जहां पर उनको मोदीनगर तहसीलदार ने आश्वासन दिया था कि उनकी समस्या का समाधान जल्द किया जाएगा.

इसके बावजूद बंदरों के बढ़ते आतंक से शहरवासी को छुटकारा न मिलने से परेशान होकर आज रानी लक्ष्मीबाई फाउंडेशन के तत्वाधान में विभिन्न सामाजिक संगठनों और विभिन्न राजनैतिक दलों के सहयोग से मोदीनगर नगर पालिका परिषद के मुख्य द्वार पर कार्मिक अनशन शुरू कर दिया है. उनका कहना है कि जब तक उनकी समस्या का समाधान नहीं किया जाएगा. वह कार्मिक अनशन जारी रखेंगे.


'बंदर के काटने से हो चुकी है एक मौत'

ईटीवी भारत को रानी लक्ष्मीबाई फाउंडेशन की अध्यक्ष कुसुम सोनी ने बताया कि वो आज मोदीनगर नगर पालिका परिषद के मुख्य द्वार पर बंदरों की समस्या से परेशान होकर कार्मिक अनशन पर बैठे हैं. उन्होंने बताया कि बंदर रोजाना किसी न किसी को काटकर अपना शिकार बनाते हैं. यहां तक की बंदरों की वजह से एक व्यक्ति की मौत भी हो चुकी है. लेकिन इस समस्या का कोई भी संज्ञान नहीं ले रहा है. इसके साथ ही मोदीनगर स्वास्थ्य केंद्र में रेबीज इंजेक्शन की सुविधा भी नहीं है.



कुसुम सोनी ने बताया कि इस समस्या से परेशान होकर वो पहले भी 21 सितंबर को तहसील में धरना दे चुकी हैं. जहां पर उनको तहसीलदार ने 1 महीने में समस्या को हल करने का आश्वासन दिया था. लेकिन इस बार जब तक समस्या का समाधान नहीं होगा. वे 7 दिन तक कार्मिक अनशन पर बैठे रहेंगे. इसके बाद आमरण अनशन करेंगे. अगर फिर भी सुनवाई नहीं हुई. तो वह किसी भी हद तक जा सकते हैं. आज इस कार्मिक आंदोलन में उनको विभिन्न राजनैतिक और सामाजिक संगठनों ने उन्हें अपना समर्थन दिया है.


'बंदरों की समस्या से दिलाई जाए निजात'

ईटीवी भारत को मोदीनगर की सुचेता पुरी निवासी पीड़ित महिला भगवती ने बताया कि उनको 3 महीने पहले बंदरों ने दोनों पैरों में काट लिया था. इसके बाद वह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इंजेक्शन लगवाने के लिए गईं. लेकिन वहां पर इंजेक्शन मौजूद नहीं थे. इसके बाद उन्होंने प्राइवेट अस्पताल में रेबीज के इंजेक्शन लगवाए हैं. इसीलिए वह चाहती हैं कि उनको बंदरों की समस्या से निजात दिलाया जाए.



ईटीवी भारत को कार्मिक अनशन में समर्थन दे रहे श्री शिव शक्ति सेवा संस्थान के अध्यक्ष गौरव राठी ने बताया कि बंदरों के आतंक से पूरा शहर परेशान हैं. जिसको लेकर उन्होंने तहसील में भी धरना दिया था और आज उनका कार्मिक अनशन चल रहा है. अगर उनकी समस्या का समाधान नहीं होता है तो वो आमरण अनशन करेंगे.


'फसलें बर्बाद कर देते हैं बंदर'

कार्मिक अनशन में समर्थन देने पहुंचे भारतीय किसान यूनियन के मेरठ मंडल उपाध्यक्ष सत्येंदर त्यागी ने बताया कि मोदीनगर समेत आसपास के इलाकों के लोग कई सालों से बंदरों के आतंक से परेशान हैं. जिसकी शिकायत को लेकर वो कई बार तहसील और सांसद, विधायक तक इसकी शिकायत कर चुके हैं. बंदरों की वजह से कई मौतें हो चुकी हैं. बंदर किसानों की फसलों को बर्बाद कर देते हैं.

इसके साथ ही बंदरों के आतंक की वजह से मजदूर और व्यापारी भी बर्बादी की कगार पर पहुंच चुका है. लेकिन अब वह इस लड़ाई को मजबूती के साथ लड़ेंगे. चाहे उनको सड़कों पर आना पड़े और पुलिस स्टेशनों का घेराव करने के साथ ही एमपी, एमएलए को भी बंधक बनाना पड़े तो वो पीछे नहीं हटेंगे.


'अस्पतालों में नहीं हैं रेबीज के इंजेक्शन'

कार्मिक अनशन में समर्थन देने पहुंचे आम आदमी पार्टी के उत्तर प्रदेश सचिव नवाब सोनी ने ईटीवी भारत को बताया कि रानी लक्ष्मीबाई फाउंडेशन की अध्यक्ष कुसुम सोनी कई सालों से बंदरों की समस्या से निजात दिलाने के लिए संघर्ष कर रही हैं. इस समस्या को लेकर चेयरमैन, विधायक, सांसद समेत शासन तक को पत्र लिखा गया है. काफी लोग बंदरों के काटने से घायल हो चुके हैं. अस्पताल में भी रेबीज के इंजेक्शन नहीं मिल रहे हैं. इतनी बड़ी समस्या होने के बावजूद भी विधायक, सांसद इसको गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. इसलिए आज फाउंडेशन ने जो अनशन किया है. इसका उन्होंने समर्थन किया है.


'प्रभागीय निदेशक को पत्र लिखा गया है'

ईटीवी भारत ने मामले को लेकर मोदीनगर नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी शिवराज सिंह से बातचीत की. इसपर शिवराज सिंह ने कहा कि इस समस्या के निदान हेतु प्रभागीय निदेशक को पत्र लिखा गया है. पत्र की अभी परमिशन नहीं आई है. उसके उपरांत टेंडर की कार्रवाई की जाएगी और बंदरों को पकड़वाया जाएगा.

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