नई दिल्ली/गाजियाबाद:भारत में चीनी उत्पादों का बहिष्कार करने की आवाज अब देश के हर राज्य में उठ रही है. ऐसे में लोग इस बार पतंग में इस्तेमाल होने वाले चाइनीज मांझे को नकार रहे हैं. लोग अब भारतीय मांझे की डिमांड कर रहे हैं.
गाजियाबाद: चाइनीज प्रोडक्ट्स का विरोध जारी, बढ़ रही भारतीय मांझे की डिमांड
भारत और चीन के बीच हुए तनाव के कारण पतंग शौकिनों ने इस बार पतंग उड़ाने के लिए चाइनीज मांझे को ठुकरा दिया है. इस बार पतंग बाजार में भारतीय मांझे की डिमांड काफी बढ़ती जा रही है. ईटीवी भारत ने गाजियाबाद में पतंग की दुकानों का जायजा लिया.
ग्राहकों ने की भारतीय मांझे की डिमांड
गाजियाबाद में पतंग विक्रेताओं का कहना है कि इस बार चाइनीज मांझे की डिमांड बिल्कुल खत्म हो गई है. बरेली का मांझा इस बार सबसे ज्यादा डिमांड में है. दुकानदारों का कहना है कि चाइना के सामान के विरोध के बीच पतंग विक्रेताओं का फायदा हुआ है. क्योंकि भारत में बना मांझा और पतंग तेजी से बिक रहे हैं. वहीं पतंग की दुकान पर मांझा लेने आए ग्राहक से ईटीवी भारत की टीम ने बात की. उनका कहना है कि अपने 7 साल के बेटे के लिए पतंग और मांझा लेने के लिए आए हैं. बेटे ने साफ तौर पर कह कर भेजा है कि चाइनीज मांझा बिल्कुल ना लाएं.
भारतीय बाजार पर होगा सकारात्मक असर
मतलब साफ है कि चाइना के सामान के विरोध का भारत में सकारात्मक असर देखने को मिल रहा है. भारत में बने सामान की तेजी से बिक्री होगी, तो अर्थव्यवस्था में भी तेजी आएगी. 15 अगस्त से पहले पतंग मार्केट में काफी चहल-पहल देखने को मिलती है और इस बार वह चहल-पहल शुरू होते ही पतंग विक्रेताओं के चेहरे खिलने लगे हैं. क्योंकि बाकी बाजारों की तरह पतंग बाजार सूना नहीं पड़ा है,
चाइनीज मांझे से होते हैं हादसे
बीते वक्त में कई बार देखा गया था कि चाइनीज मांझे की वजह से हुए हादसों में लोगों की जान तक चली गई थी. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. क्योंकि भारतीय बाजार लोगों की पहली पसंद बन रहा है. चाइनीज मांझा काफी खतरनाक होता है. जिसमें कुछ इस तरह के तत्व मिले होते हैं, जिससे गर्दन तक कट सकती है. लेकिन भारतीय मांझा काफी सॉफ्ट होता है.