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कोरोना संकट: गाजियाबाद में बेरोजगारी की कगार पर पहुंचे शादी समारोह में बैंड-बग्गी कारोबार से जुड़े लोग - कोरोना में शादी समारोह से जुड़े लोग

गाजियाबाद में कोरोना की बंदिशों के बाद इन दिनों शादियों में बैंड-बाजा घोड़ी और बग्गी चलाने वाले लोगों की रोजी रोटी पर संकट गहरा गया है. इस काम से जुड़े लोग अब अपना रोजगार बदलने की सोच रहे हैं.

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शादी समारोह से जुड़े लोग

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Published : Apr 24, 2021, 5:21 AM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद :देशभर में कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप जारी है. कई राज्य़ों में कोरोना संक्रमण लगातार फैलता जा रहा है. कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकारें हर दूसरे दिन नई बंदिशें लगा रही है जिसका सीधा असर बाजार पर भी दिखाई पड़ता है.

बीते साल लगे देशव्यापी लॉकडाउन ने हर क्षेत्र की कमर तोड़ दी. अब कोरोना की दूसरी लहर के बाद भी हालात वैसे ही बनने लगे हैं. राजधानी में लॉकडाउन लगने के बाद इन दिनों शादियों में बैंड-बाजा घोड़ी और बग्गी चलाने वाले लोगों की रोजी रोटी पर संकट गहरा गया है.

शादी समारोह से जुड़े लोग

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बैंड बाजा, घोड़ी बग्गी चलाने वाले लोगों का कहना है कि बीते 1 साल से वह बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं ऐसे में उनके हालात अब बद से बदतर हो गए हैं. गाजियाबाद के मोदीनगर में 20 सालों से अधिक समय से बैंड बाजा, घोड़ी बग्गी चलाने वाले लोगों का कहना है कि वह भुखमरी की कगार पर पहुंचते जा रहे हैं.

उन्होंने बताया कि हालात इतने खराब है उन्हें पूरे दिन एक भी ग्राहक नहीं मिलता है. इसीलिए कुछ लोग अपना रोजगार बदल कर मजदूरी कर रहे हैं. बैंड बाजा और घोड़ी बग्गी का काम कर परिवार चलाने वाले कमल सिंह बताते हैं कि कोरोना के बाद से शादी समारोह रात की जगह दिन में होने लगे हैं जिसके कारण उन्हें आधी से भी कम फीस में काम करना पड़ रहा है.

सुबह से शाम को खाली हाथ लौटते हैं घर

वहीं बैंड बाजा बजाने वाले दया बताते हैं कि कोरोना महामारी की वजह से शादी समारोह कैंसिल होते रहते हैं जिसके कारण उन्हें काम मिलना बंद हो गया है. उन्होंने बताया कि ग्राहकों एडवांस दिए हुए पैसे वापस मांग रहे हैं जिसकी वजह से अब उनको मुश्किलें हो रही हैं.

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परिवार पालने के लिए करनी पड़ेगी मजदूरी

वहीं बग्गी चलाने वाले सुखबीर ने बताया कि बीते एक साल से यही चल रहा है ऐसे में अब हमें काम बदलकर मजबूरी करके अपना घर परिवार पालने के बारे में सोच रहे हैं.

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