नई दिल्ली/गाजियाबाद: एक तरफ कोरोना काल में तमाम जगह पर साफ-सफाई रखने को कहा जा रहा है. वहीं गाजियाबाद में आवारा पशुओं की वजह से गंदगी और मुश्किलें दोनों बढ़ रही हैं. रोड पर आवारा पशु अभी भी लोगों की जान पर आफत बन रहे हैं. एक महीने में आवारा पशुओं की वजह से कई छोटे-बड़े हादसे हुए हैं. लेकिन नगर निगम इस पर ध्यान नहीं दे रहा है.
'आवारा पशुओं को शेल्टर होम में पहुंचाना चाहिए'
इंदिरापुरम इलाके में तो आवारा पशुओं की वजह से लोगों का आना-जाना मुश्किल हो गया है. साथ ही स्थानीय लोगों ने बताया कि आवारा पशुओं के खाने-पीने की कोई व्यवस्था नहीं होने की वजह से, रोड पर इन्हें भूख-प्यास से तड़पते हुए भी देखा जाता है. नगर निगम को इनको रोड से हटाकर पशु शेल्टर होम में पहुंचाना चाहिए.
ट्रैफिक के दौरान रोड पर घूमते आवारा पशु
सीएम के आदेश की भी उड़ी धज्जियां
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले साल तक सभी आवारा पशुओं को रोड से हटाने के लिए आदेश दिया था. आदेश के संबंध में जो मियाद दी गई थी, वह भी खत्म हो गई. इसके बाद लॉकडाउन हो गया.
लॉकडाउन को 3 महीने से ज्यादा का वक्त बीतने को है. नगर निगम के बाकी सभी कार्य भी सामान्य गति से शुरू हो गए हैं. लेकिन मानसून से पहले नालों की सफाई न होने से नगर निगम पहले ही सवालों के कटघरे में है.
वहीं आवारा पशुओं के रोड पर होने से भी नगर निगम पर सवाल उठ रहे हैं. सवाल यह है कि क्या गाजियाबाद में प्रदेश के सीएम का आदेश भी नहीं माना जाता? क्यों यहां पर नगर निगम लोगों की समस्याओं पर ध्यान देने की वजह आंखें मूंदे बैठा है.