नई दिल्ली/गाजियाबाद:कृषि कानून के विरोध में जहां एक ओर 70 दिन से भी अधिक समय से किसान दिल्ली के विभिन्न बॉर्डर पर बैठे हुए हैं. तो वहीं दूसरी ओर कुछ किसान कृषि कानूनों का समर्थन करते रैली भी निकालते दिखाई दे रहे हैं. आखिर कृषि कानूनों को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले किसानों की क्या है राय. इसी को जानने के लिए ईटीवी भारत ने मुरादनगर ब्लॉक के सरना गांव के किसानों से खास बातचीत की.
किसान आंमदोलन को लेकर किसानों की राय किसानों से खास बातचीत
कृषि कानूनों को लेकर मुरादनगर के सरना गांव के किसानों का कहना है कि यह किसानों के हित में है. प्रधानमंत्री द्वारा कृषि कानून को लेकर जो भी काम किए जा रहे हैं उससे किसानों को फायदा होगा.
ईटीवी भारत को किसान जगदीश कुमार त्यागी ने किसान आंदोलन को लेकर बताया कि आंदोलन करने का अधिकार सबको है, लेकिन कृषि कानूनों की वापसी की मांग करना सरकार या राष्ट्र हित में नहीं है. वह खुद एक किसान हैं. इसीलिए वह मानते हैं कि कृषि कानून से फायदा होगा.
'कृषि कानूनों की वापसी की मांग करना देशहित में नहीं'
किसान ओमकार त्यागी ने बताया कि कृषि कानूनों को लेकर प्रधानमंत्री जो भी कर रहे हैं, वह सही है. लेकिन विपक्ष किसानों के नाम पर राजनीति कर रहा है. किसानों को संशोधन के लिए सरकार से जाकर बात करनी चाहिए. इसके साथ ही उनको सरकार की योजनाओं से भी काफी फायदा मिल रहा है.
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'कृषि कानूनों से किसानों का फायदा'
वहां मौजूद और भी किसानों का कहना है कि कृषि कानून से फायदा होगा लेकिन आंदोलन के नाम पर उपद्रव फैलाया जा रहा है. अगर यह कानून वापस लिए जाते हैं तो अन्य लोग फिर बाकी कानूनों को भी वापस लेने की मांग करेंगे.