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धारा 144 के जवाब में किसानों की 'धारा 288'! जानिए क्या है पूरा मामला

गाजियाबाद में यूपी-दिल्ली बॉर्डर पर किसानों ने दिल्ली पुलिस की धारा 144 के जवाब में सांकेतिक रूप से डबल धारा 288 लगा दी है. जानिए क्या है इस धारा 288 का मतलब...

In response to Section 144 of the Delhi Police, farmers have signally imposed double section 288
किसानों ने दिल्ली पुलिस की धारा 144 के जवाब में सांकेतिक रूप से डबल धारा 288 लगा दी है

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Published : Nov 30, 2020, 5:26 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद:यूपी-दिल्ली बॉर्डर पर किसानों ने बैनर चस्पा कर दिया है और उस बैनर पर लिख दिया है चेतावनी! यहां पर धारा 288 लागू है. इसका मतलब है पुलिस प्रशासन की तरफ से धारा 144 लगाई हुई है, लेकिन उसके विरोध में भारतीय किसान यूनियन ने उसकी डबल धारा 288 लागू की है.

किसानों ने दिल्ली पुलिस की धारा 144 के जवाब में सांकेतिक रूप से डबल धारा 288 लगा दी है

यानी दिल्ली यूपी गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के अलावा किसी का भी प्रवेश वर्जित है सिर्फ किसान ही इस क्षेत्र में आ सकते हैं तो दूसरी तरफ एक सीमा रेखा खींच दी गई है दिल्ली से किसी को भी इस सीमा को पार करने की अनुमति नहीं है.

बिना रूके जारी रहेगा धरना

किसानों का कहना है कि जब तक कृषि बिलों को लेकर कोई निर्णय नहीं निकलता किसान इसी तरह से धरना प्रदर्शन जारी रखेंगे. देखना होगा आने वाली 3 तारीख को किसानों की वार्ता में क्या कोई निष्कर्ष निकल पाता है या फिर किसानों का धरना बदस्तूर जारी रहेगा.

दूसरी तरफ किसानों की तरफ से एकाएक हरकत की जा रही है. भारतीय किसान यूनियन की तरफ से एक बुजुर्ग ने बॉर्डर पर योगा करके भी दिखाया. बुजुर्ग की उम्र 85 साल से भी ज्यादा है दरअसल किसान यह बताना चाहते हैं किसानों को कमजोर ना समझा जाए किसान हर परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार हैं.

किसानों ने जमीन पर लिखी धारा 288

बीते 3 दिनों से किसानों का आंदोलन दिल्ली-यूपी बॉर्डर (यूपी गेट) पर जारी है. भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में किसान कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. किसान अपने घरों से राशन का सामान, रजाई-गद्दे, गैस-चूल्हा आदि लेकर आए हैं.

किसानों का कहना है की लड़ाई अब आर पार की है जब तक सरकार कृषि कानूनों को लेकर कोई ठोस निर्णय नहीं लेती है तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

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