नई दिल्ली : दिल्ली एनसीआर में हाल ही में पालतू कुत्तों का कहर बढ़ता जा रहा है. पालतू कुत्तों द्वारा लोगों पर किए गए हमलों के कई मामले सामने आ चुके हैं. बीते दिनों संजय नगर में पिटबुल ने एक बच्चे पर हमला कर दिया. हमले में बच्चा बुरी तरह से जख्मी हो गया और चेहरे पर डेढ़ सौ टांके लगे. देखने को मिल रहा कि एनसीआर में कुत्तों की विदेशी नस्लों को लोग ज्यादा पसंद कर रहे हैं. बीते कुछ सालों में विदेशी नस्लों के कुत्ते पालने के ट्रेंड में इज़ाफ़ा हुआ है. सुबह के वक़्त सड़कों पर विदेश नसलिन के कुत्ते घुमाते हुए लोग नज़र आ जाएंगे. विदेशी नस्लों के कई कुत्ते आक्रमक होते हुए भी दिखाई दे रहे हैं. हफ्ते भर में एनसीआर में चार घटनाएं कुत्तों के हमलों की सामने आ चुकी हैं. Dogs Need Obedience Training and Neutering
डॉ. प्रीतपाल सिंह, वरिष्ठ पशु चिकित्सक के मुताबिक कुत्तों की विदेशी नस्लों का ट्रेंड देश में बहुत लंबे समय से चलता आ रहा है. लेकिन बीते कुछ सालों में इस में बड़ा इजाफा देखने को मिला है. ऐसा नहीं है कि विदेशी नस्ल के सभी कुत्ते Short-tempered होते हैं. Short-tempered कोई भी कुत्ता हो सकता है. पिटबुल, रॉटवायलार आदि नस्लों को Short-Tempered माना है. विदेशी नस्लों के कुत्ते जैसे लेब्राड़ोर, जर्मन शेफर्ड आदि को काफी समझदार माना जाता है.
कुत्तों की Obedience Training :डॉ. प्रीतपाल सिंह बताते हैं कि जैसे ही कुत्ते की उम्र बढ़ने शुरू होती है और वह 6 महीने की उम्र को पार करता है तो उस कुत्ते हो Castrate (बधिया करना, अंडकोश निकालना ) करा सकते हैं. Castration कराने के बाद कुत्तों की आक्रमक क्षमता काफी हद तक कम हो जाती है. आज कल के दौर में Animal Behaviorist के के माध्यम से कुत्तों को Obedience Training दिला सकते हैं. यदि कुत्ता आक्रमक है और अंदेशा है कि बाहर जाने पर किसी को नुकसान पहुंचा सकता है या विषैले पदार्थ जो सड़क पर पड़े हो उसपर मुह ना मारे, बचाने के लिए उसके चेहरे पर घर से बाहर निकलने पर Muzzle लगा सकते हैं. कुत्ते की रस्सी को भी छोटा रखकर जिससे कि जब कुत्ते को बाहर घुमा रहे हो तो कुत्ता नियंत्रण में रहे.