नई दिल्ली/गाजियाबाद:दिल्ली-NCR में दवाओं की कालाबाजारी कोरोना काल में चरम पर है. खासकर रेमेडेसीवर और एक्टमीरा इंजेक्शन की डिमांड काफी अधिक बढ़ गई है. ऐसे में दवा की कालाबाजारी करने वाले गैंग सक्रिय हैं. दवाओं की कालाबाजारी पर शिकंजा कसने के लिए जिला प्रशासन ने अभियान चलाया है. एक तरफ पुलिस प्रशासन दवाओं की कालाबाजारी करने वालों की धरपकड़ में जुटी है तो वहीं दूसरी तरफ अस्पतालों में भी छापेमारी कर दवाओं के इस्तेमाल के रिकॉर्ड चेक किये जा रहे हैं.
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नागर अस्पताल और गणेश अस्पताल में छापेमारी
पुलिस अधीक्षक ग्रामीण और अपर जिलाधिकारी मोदीनगर ने संयुक्त रूप से नागर अस्पताल और गणेश अस्पताल में छापेमारी की. ज़िला प्रशासन की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक छापेमारी के दौरान नागर अस्पताल में कुल 7 मरीज भर्ती मिले. नागर अस्पताल को 6 अप्रैल से 25 अप्रैल तक कुछ कुल 250 रेमेडेसीवर इंजेक्शन विभिन्न सप्लायर से अलॉट हुए, जिनमें से किसी भी मरीज को इंजेक्शन लगाने और डिस्ट्रीब्यूट करने का कोई रिकॉर्ड या जानकारी उपलब्ध नहीं हुई.
अस्पताल प्रबंधन को प्रोटोकॉल के अंतर्गत नोटिस
नागर अस्पताल पर शिकंजा कसते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी के स्तर से अस्पताल प्रबंधन को प्रोटोकॉल के अंतर्गत नोटिस जारी किया गया है. अधिकारियों की मानें तो आगे भी इसी तरह अस्पतालों में छापेमारी जारी रहेगी.