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सिसौली की जगह, अब गाजीपुर बॉर्डर पर होगी, भाकियू की मासिक पंचायतः नरेश टिकैत - गाजीपुर बॉर्डर में किसान प्रदर्शन

गाजीपुर बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत शनिवार को पहुंचे. यहां उन्होंने भारतीय किसान यूनियन की मासिक पंचायत की.

Naresh Tikait reached Ghazipur border
गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे नरेश टिकैत

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Published : Apr 18, 2021, 5:01 AM IST

नई दिल्ली/गाजियाबादः भारतीय किसान यूनियन के सिसौली स्थित मुख्यालय में हर माह की 17 तारीख को मासिक पंचायत आयोजित की जाती है. गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे किसान नेता चौधरी नरेश टिकैत ने बताया कि सिसौली में होने वाली मासिक पंचायत किसान आंदोलन जारी रहने तक गाजीपुर बॉर्डर पर ही होगी.

लोगों को संबोधित करते नरेश टिकैत

चौधरी टिकैत ने गाजीपुर बॉर्डर पहुंचकर सबसे पहले किसानों की शहादत की यादगार " अमर ज्योति " पर जाकर मत्था टेका. इसके बाद पिता और भाकियू के संस्थापक अध्यक्ष चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत की तस्वीर को नमन करते हुए आशीर्वाद लिया.

सरकार किसानों के साथ कर रही सौतेला व्यवहार
भाकियू अध्यक्ष ने कहा कि दिल्ली में बैठी सरकार कुछ लोगों के हित में काम कर रही है. इस वजह से किसानों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. ऐसा ना होता, तो पांच महीने तक इस देश के किसान सड़कों पर न पड़े रहते. इतना लंबा समय हो गया है, अब तक कुछ ना कुछ सुनवाई होनी चाहिए थी. किसान दिल्ली के चारों तरफ आंदोलनरत हैं. यहां तक कि उपवास पर रह कर, अपनी बात पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं. किसान अपनी मांगों के लिए बार-बार सरकार को आवाज दे रहा है, लेकिन सरकार एक कॉल की दूरी का शिगूफा छोड़कर चुनावों में व्यस्त हो गई.

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किसान शहीद हो सकते हैं, लेकिन हट नहीं सकते
नरेश टिकैत ने कहा कि सरकार शक्तिशाली होती है, लेकिन वे यह भी याद रखें कि यह ताकत किसान ने दी है. वोट देते वक्त किसानों ने फूल ही फूल देखा, आज हमें वह कांटे चुभा रहे हैं. इस सरकार ने बल प्रयोग कर न जाने कितने आंदोलन कुचल दिए, न जाने कितने संगठनों को ठिकाने लगा दिया. न जाने कितनी पार्टियों को किनारे कर दिया, लेकिन यह किसान ही है, जो यहां आकर बैठा है और बैठा रहेगा. किसान शहीद हो सकते हैं, पर हटेंगे नहीं. सरकार से बात मनवा कर ही लौटेंगे.

टिकैत ने कहा कि किसानों को सरकार इस दृष्टि से क्यों देख रही है, यह समझ में नहीं आ रहा. संयुक्त किसान मोर्चा में देश भर के सदस्य मौजूद हैं. आंदोलन के मद्देनजर हर फैसला पूरे देश के किसान मिलकर लेते हैं. देश के किसी भी प्रदेश में किसानों के साथ दुर्व्यवहार किया गया, तो क्रांति आ जाएगी.

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