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ऐसा देश है मेरा! मुस्लिम परिवार ने हिंदू रीति-रिवाज से कराया नौकर का अंतिम संस्कार

जहां देश में संसद से लेकर सड़क तक मॉब लिंचिंग को लेकर आम जनता में आक्रोश है. वहीं भदोही जिले में एक मुस्लिम परिवार ने आपसी भाईचारे की मिसाल पेश की है. मुस्लिम परिवार ने अपने हिंदू नौकर की मौत के बाद उसका अंतिम संस्कार हिंदू रीति-रिवाज से कराया और मानवता की मिसाल दी.

ऐसा देश है मेरा! मुस्लिम परिवार ने हिंदू रीति-रिवाज से कराया नौकर का अंतिम संस्कार

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Published : Jun 29, 2019, 9:20 AM IST

Updated : Jun 29, 2019, 12:39 PM IST

नई दिल्ली/भदोही:शहर के निवासी तौहीद आलम के यहां मुरारी लाल बीते 10 सालों से काम कर रहे थे. बीती 13 जून को उनका देहांत हो गया. इसके बाद इस मुस्लिम परिवार ने मुरारी लाल का अंतिम संस्कार हिंदू रीति-रिवाज से कराया. इतना ही नहीं उनकी तेरहवीं भी धूमधाम से की.

मुस्लिम परिवार ने पेश की आपसी भाईचारे की मिसाल

तौहीद आलम ने बताया

  • वह 10 साल से हमारे यहां ही रह रहे थे.
  • घर के छोटे-मोटे काम किया करते थे.
  • वह हमारे परिवार के हिस्सा बन गए थे.
  • वह किसी दूसरी जाति या धर्म के थे, यह हमें कभी महसूस नहीं हुआ.
  • हमारा उनसे मानवता का रिश्ता था.
  • इसीलिए हमने पूरे हिंदू रीति-रिवाज से उनका दाह संस्कार किया.

इस तरह हुई थी मुरारी लाल की मौत

13 जून को मुरारी लाल दोपहर में घर के पीछे पौधों को पानी दे रहे थे. इस दौरान उन्हें एक जहरीले सांप ने काट लिया. हॉस्पिटल ले जाते हुए उनकी मृत्यु हो गई. इसके बाद तौहीद आलम ने मुरारी लाल का दाह संस्कार हिंदू रीति-रिवाज से किया. तेरहवीं भी उनकी खूब धूमधाम से मनाई गई.

तौहीद आलम ने बताया कि वह हमारे परिवार के बुजुर्ग की तरह थे. यह एक अलग बात है कि हम दोनों के धर्म अलग-अलग थे. हमें जाति धर्म से ऊपर उठकर मानवता की भावना से सोचना चाहिए और उसी मानवता के भाव से हमने मुरारी लाल जी का अंतिम संस्कार किया.

Last Updated : Jun 29, 2019, 12:39 PM IST

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