नई दिल्ली/गाजियाबाद:14 अप्रैल से शुरू हुए मुस्लिम समुदाय के रमजान के महीने को 15 दिन बीत चुके हैं. इन दिनों रमजान रखने वाले शख्स को कई गुना बहुत अधिक सवाब मिलता है. तो वहीं दूसरी ओर रमजान में जानबूझकर रोजे ना रखने वाले शख्स को कई गुना अजाब (सजा) मिलती है. रमजान ना रखने वाले शख्स को क्या मिलेगी सजा इसी को जानने के लिए ईटीवी भारत ने मुफ्ती से की बातचीत.
मुफ्ती ने बताया कि मुस्लिम हदीस में यह फरमाया गया है कि जिस शख्स ने जानबूझकर एक रोजा भी छोड़ दिया है. उसने गुनाह-ए-कबीरा किया है. गुनाह-ए-कबीरा का मतलब है कि बगैर जहन्नुम (नर्क) में जाए उसकी बख्शीश नहीं होती है. या तो वह उस छोड़े हुए रोजे की तौबा करते हुए रोजा रखे वरना यह बहुत बड़ा गुनाह है.